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Tuesday, April 23, 2024

राममंदिर की सुरक्षा के लिए स्पेशल फोर्स का गठन किया जाएगा।

राममंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। इस बीच रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। माना जा रहा है कि जब श्रीराम लला भव्य गर्भगृह में विराजित हो जाएंगे तो प्रतिदिन करीब एक लाख भक्त रामलला का दर्शन करने पहुंचेंगे।

ऐसे में सुरक्षा का नया खाका तैयार करने को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सुरक्षा एजेंसियों के साथ मंथन करने में जुटा है। रामजन्मभूमि की सुरक्षा त्रिस्तरीय होगी। इसके लिए स्पेशल फोर्स का गठन किया जाएगा।

स्पेशल फोर्स में बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ व सिविल पुलिस के जवान शामिल होंगे। संभावना जतायी जा रही है कि राम मंदिर 2023 में भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।

ट्रस्ट ने दिसंबर 2023 में गर्भगृह में रामलला को विराजित करने का लक्ष्य तय कर रखा है। हालांकि पूरी तरह राम मंदिर का निर्माण कार्य 2025 में पूरा होगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का मानना है कि राम मंदिर को दर्शन के लिए खोले जाने पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्र होगी। इसलिए उनकी सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना भी जरूरी हो गया है।

इसी को लेकर ट्रस्ट और पुलिस के अधिकारियों के बीच लगातार बातचीत हो रही है। अयोध्या में 29 व 30 दिसंबर को हुई श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति की बैठक में राम जन्मभूमि की सुरक्षा को लेकर मंथन किया गया।

इस बैठक में श्रीराम जन्मभूमि के सुरक्षा सलाहकार केके शर्मा भी शामिल थे। तय हुआ है कि अयोध्या में राममंदिर की सुरक्षा अभेद्य होगी। सुरक्षा एजेंसियों से विचार-विमर्श करने के बाद सुरक्षा की पूरी योजना सरकार के सामने प्रस्तुत की जाएगी।

सुरक्षा का मास्टर प्लान राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य और बीएसएफ के रिटायर्ड डीजी केके शर्मा तैयार करेंगे। मंदिर की सुरक्षा के लिए एक स्पेशल फोर्स का गठन किया जाएगा।

यह स्पेशल फोर्स डीजी के निर्देशन और समीक्षा के आधार पर गठित होगी। स्पेशल फोर्स में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स लेकर लेकर सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और सिविल पुलिस के जवान शामिल होंगे।

ट्रस्ट से जुडे़े सूत्रों के मुताबिक श्रीराम जन्मभूमि परिसर में कई घेरे की सुरक्षा होगी। हर घेरे की सुरक्षा अलग-अलग एजेंसियां करेंगी। पहले घेरे की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सिविल पुलिस के जवानों के कंधे पर होगी।

दूसरे घेरे में सीआरपीएफ के जवान तैनात होंगे। वहीं, तीसरा घेरा, जो राम मंदिर के सबसे नजदीक होगा, वहां सुरक्षा व्यवस्था की कमान बीएसएफ और सीआईएसएफ के जवानों के हाथों में होगी।

राममंदिर परिसर को सुरक्षा के अत्याधुनिक संसाधनों से भी लैस करने की योजना है। रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। भक्तों में रामलला के दर्शन के साथ-साथ राममंदिर निर्माण कार्य देखने की भी ललक है।

जिसके चलते औसतन करीब 10 हजार दर्शनार्थी प्रतिदिन रामलला के दरबार पहुंच रहे हैं। वीकेंड व पर्व त्योहारों में यह संख्या कई गुना बढ़ जाती है।
अभी एक दिन पूर्व ही नववर्ष के अवसर पर एक जनवरी को एक लाख 12 हजार भक्तों ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। ट्रस्ट का मानना है कि राममंदिर बन जाने के बाद औसतन एक लाख दर्शनार्थी प्रतिदिन रामलला के दरबार पहुंचेंगे।

भगवान श्रीराम जन-जन की आस्था के केंद्र हैं। इसलिए जब वे स्थायी भव्य मंदिर में पांच सौ साल बाद विराजेंगे तो यह तय है कि उनके दर्शन को लोग उमड़ पड़ेंगे। ऐसे में राममंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर मंथन जारी है। राम जन्मभूमि के सुरक्षा सलाहकार बीएसएफ के रिटायर्ड डीजी केके शर्मा के निर्देशन में शीघ्र ही सुरक्षा का नया मास्टर प्लान तैयार कर शासन को प्रेषित किया जाएगा।

 

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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