झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने सोमवार को भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की उनके खिलाफ दलबदल संबंधी आरोपों को खारिज करने और दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्यवाही को रद्द करने का अनुरोध किया था। वहीं मरांडी ने दलील यह कहकर ठुकरा दी कि शिकायतों को देरी से दाखिल किया गया था। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने शुक्रवार और सोमवार को सुनवाई की।
बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दिसंबर 2020 में तब आरोप दायर किए गए थे, जब उन्होंने उस साल फरवरी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में विलय कर दिया था और सर्वसम्मति से मरांडी को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया था।
मरांडी के खिलाफ याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं
मरांडी के वकील आर एन सहाय ने कहा कि उनके खिलाफ याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं क्योंकि ये शिकायतें दल के भाजपा में विलय के 10 महीने बाद दायर की गई थीं। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून में इसके लिए 45 दिनों की सीमा है। शिकायतकर्ताओं के वकील सुनील गडोदिया ने तर्क दिया कि संविधान की दसवीं अनुसूची से संबंधित मामलों में शिकायत दर्ज करने की कोई समय सीमा नहीं है।
इन्होंने दर्ज कराई थी शिकायत
स्पीकर ने इस मामले की स्वत संज्ञान लेकर दलबदल विरोधी कार्यवाही शुरू की थी। ये शिकायतें भाकपा (माले) के पूर्व विधायक राजकुमार यादव, झामुमो विधायक भूषण तिर्की, कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे और झाविमो (पी) के पूर्व विधायक प्रदीप यादव ने दर्ज कराई थीं।
मरांडी ने अपने दो पार्टी विधायकों, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को निलंबित करने के बाद 17 फरवरी, 2020 को जेवीएम (पी) का भाजपा में विलय कर दिया था, बाद में विधायक कांग्रेस में चले गए थे। इसके बाद भाजपा ने यादव और तिर्की को अयोग्य ठहराने की मांग की थी, जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई अदालत द्वारा तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद पिछले महीने अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
मरांडी के भाजपा में शामिल होने के बाद विधानसभा में इसकी संख्या बढ़कर 26 हो गई। सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राजद के पास सदन में कुल 47 सदस्य हैं। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी आदिवासी राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे।
आदेश सुरक्षित रखा। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने दलबदल विरोधी कानून के तहत भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ आदेश सुरक्षित रखा।