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Friday, June 27, 2025

सपा ने बनाई बसपा के दलित वोट बैंक में सेंधमारी की रणनीति, बसपा के धुरंधरों पर लगाएगी दांव

जिले में बसपा का वोट बैंक माने जाने वाले दलित (अनुसूचित जाति) मतदाताओं के बीच सेंध लगाने के लिए सपा ने नया दांव खेला है। सोमवार को सपा की तरफ से जारी प्रत्याशियों की सूची में कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की सुरक्षित सीटों पर जिन्हें प्रत्याशी बनाया गया है, उनमें से अधिकतर बसपा के धुरंधर नेता रहे हैं।

ये इस चुनाव में बसपा छोड़कर सपा के पाले में आ गए हैं। यह दांव खेलकर सपा ने साफ कर दिया है कि वह इस चुनाव में अपने पक्ष में दलित वोटों का ध्रुवीकरण कराकर बसपा और भाजपा को झटका देना चाहती है।

पार्टी के अंदर पिछले काफी दिनों से प्रत्याशियों की सूची को लेकर चली उठापटक को इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई नेताओं को अपने खेमे में मिलाकर पिछड़ी जातियों में पैठ बनाने की जो चाल चली थी, उसी तरह अब दलित वोटरों को रिझाने की कोशिश में जुटी है।

पार्टी ने जिन बसपा नेताओं को टिकट दिया है, उन सभी का दलित मतदाताओं के बीच ठीकठाक रुतबा माना जाता है। सपा का यह दांव कितना कामयाब होगा, यह तो 10 मार्च को नतीजों की घोषणा के बाद ही पता चलेगा। हालांकि, संगठन से जुड़े नेता इसे बड़ी सफलता के रूप में देख रहे हैं।

बसपा से आए इन नेताओं को मैदान में उतारा
सपा ने फर्रुखाबाद की कायमगंज सुरक्षित सीट से सर्वेश अंबेडकर को प्रत्याशी बनाया है। सर्वेश पहले कन्नौज-फर्रुखाबाद के संयुक्त बसपा जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। उनकी पत्नी कन्नौज से बसपा शासनकाल में जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं।

इसी तरह इटावा की भरथना सीट से राघवेंद्र कुमार सिंह प्रत्याशी बनाए गए हैं। राघवेंद्र बसपा के जिलाध्यक्ष और जोनल कोऑर्डिनेटर रहे हैं। कानपुर देहात की रसूलाबाद सीट से कमलेश दिवाकर को उतारा गया है। वह 2007 में बसपा से विधायक चुने गए थे। 2012 और 2017 में भी बसपा ने प्रत्याशी बनाया था।

ललितपुर की मऊरानीपुर सीट से तिलकचंद्र अहिरवार उतारे गए हैं। वे बसपा से बुंदेलखंड का बड़ा चेहरा माने जाते रहे हैं। तिलकचंद्र एमएलसी रह चुके हैं और बसपा के टिकट से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके है। बांदा की नरैनी सीट से बसपा शासनकाल में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे दद्दू प्रसाद भी इस बार सपा प्रत्याशी बनाए गए हैं।

घाटमपुर से पार्टी ने भाजपा के विधायक रहे भगवती सागर को इस बार टिकट दिया है। भगवती सागर भी बसपा के प्रमुख नेताओं में रहे हैं। वे मायावती शासनकाल में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

इसके अलावा कानपुर देहात की सामान्य सीट रनियां से भी बसपा टिकट पर विधायक रहे आरपी कुशवाहा को सपा ने मैदान में उतारा है। कुशवाहा वर्ष-2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में बिठूर से बसपा प्रत्याशी रहे।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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