लखनऊ, 15 जुलाई 2025: ओडिशा के बालासोर में फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज की छात्रा सौम्याश्री बिशी की आत्मदाह के बाद मृत्यु ने शिक्षा जगत को हिलाकर रख दिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की सक्रिय कार्यकर्ता सौम्याश्री ने कॉलेज के शिक्षा विभागाध्यक्ष समीर साहू पर मानसिक और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उनकी लिखित शिकायत के बावजूद, कॉलेज प्रशासन ने दोषी शिक्षक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसके बजाय, आंतरिक शिकायत समिति (ICC) ने पीड़िता को ही दोषी ठहराने का प्रयास किया। एनएसयूआई से जुड़े कुछ छात्रों ने भी सौम्याश्री के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर उनका चरित्र हनन किया।
12 जुलाई को कॉलेज प्राचार्य ने सौम्याश्री को यह कहकर निराश किया कि “रिपोर्ट शिक्षक के पक्ष में है, समझौता कर लो।” इससे आहत होकर सौम्याश्री ने कॉलेज परिसर में आत्मदाह कर लिया। 14 जुलाई की रात भुवनेश्वर AIIMS में उनकी मृत्यु हो गई। यह घटना शिक्षा संस्थानों में यौन हिंसा, संस्थागत संवेदनहीनता और दोषियों को संरक्षण देने की गंभीर समस्या को उजागर करती है।

अभाविप ने इस घटना के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन, श्रद्धांजलि सभाएं, मोमबत्ती मार्च और हस्ताक्षर अभियान शुरू करने की घोषणा की है। संगठन ने सौम्याश्री को न्याय दिलाने के लिए कानूनी और जन-संगठनात्मक कदम उठाने का संकल्प लिया है। अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा, “यह घटना संस्थानों की नैतिक विफलता और यौन उत्पीड़न पर उनकी चुप्पी का परिणाम है। दोषी शिक्षक और पीड़िता का अपमान करने वाले छात्र संगठन दोनों ही अपराधी हैं। हम न्याय के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।”
यह मामला शिक्षा परिसरों में छात्राओं की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अभाविप ने मांग की है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।