लखनऊ, 26 जून 2025: उत्तर प्रदेश पुलिस बल में एक नया इतिहास रचा जा रहा है। प्रदेश में नवचयनित 60,244 सिपाहियों को आधुनिक और प्रभावी प्रशिक्षण देने के लिए पहली बार पेडागॉजी ट्रेनिंग (शिक्षण-पद्धति प्रशिक्षण) की शुरुआत की जा रही है। इसके लिए 112 रीजनल ट्रेनिंग सेंटर्स में व्यापक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। प्रशिक्षण प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए 191 निरीक्षक व उपनिरीक्षकों के साथ-साथ 193 मुख्य आरक्षी और आरक्षियों को विशेष रूप से तैनात किया गया है, जिन्हें पीटीआई (फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर) प्रशिक्षण प्राप्त है।
आगामी 21 जुलाई से शुरू होने वाला यह नौ महीने का प्रशिक्षण कार्यक्रम सिपाहियों को न केवल शारीरिक और तकनीकी कौशल से लैस करेगा, बल्कि पेडागॉजी ट्रेनिंग के जरिए उन्हें बेहतर शिक्षण पद्धतियों से भी रूबरू कराएगा। पेडागॉजी, यानी शिक्षण शास्त्र, प्रशिक्षकों को यह सिखाता है कि कैसे किसी विषय को सरल और प्रभावी ढंग से समझाया जाए। इस पहल का उद्देश्य सिपाहियों को न सिर्फ कुशल पुलिसकर्मी बनाना है, बल्कि उन्हें ऐसी तकनीकों से लैस करना है, जो भविष्य में उनके प्रशिक्षण और नेतृत्व कौशल को और निखारे।
पुलिस विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह पहली बार है जब सिपाहियों के प्रशिक्षण में पेडागॉजी को शामिल किया गया है। इससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।” यह कदम न केवल पुलिस बल को और अधिक पेशेवर बनाएगा, बल्कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को और गहराई से समझने में भी मदद करेगा।
प्रदेश पुलिस की इस पहल को विशेषज्ञों ने सराहा है। उनका मानना है कि यह कदम उत्तर प्रदेश पुलिस को देश में एक मॉडल फोर्स के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। जैसे-जैसे प्रशिक्षण का यह नया दौर शुरू होने जा रहा है, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यह पहल पुलिस बल की कार्यशैली में कितना बदलाव लाती है।