नई दिल्ली, 19 जुलाई 2025: आगामी 2 अगस्त 2027 को प्रकृति एक अद्भुत खगोलीय घटना का गवाह बनेगी, जब दिन में अचानक रात सा अंधेरा छा जाएगा। इस दिन पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा, जिसके दौरान सूरज लगभग 6 मिनट तक पूरी तरह गायब रहेगा। वैज्ञानिकों और खगोलशास्त्रियों के अनुसार, इस तरह का दुर्लभ सूर्य ग्रहण अगले 100 वर्षों तक देखने को नहीं मिलेगा।
यह सूर्य ग्रहण अटलांटिक महासागर से शुरू होकर जिब्राल्टर जलडमरूमध्य, दक्षिणी स्पेन, उत्तरी मोरक्को, उत्तरी अल्जीरिया, उत्तरी ट्यूनेशिया, उत्तर-पूर्वी लीबिया, मिस्र, सूडान, दक्षिण-पश्चिमी सऊदी अरब, यमन, सोमालिया और अरब प्रायद्वीप के अन्य देशों से गुजरेगा। हालांकि, हिंद महासागर के ऊपर यह धुंधला पड़ जाएगा।
खगोलशास्त्रियों के अनुसार, इतिहास में सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण 743 ईसा पूर्व में हुआ था, जो 7 मिनट 28 सेकंड तक रहा। इस बार का ग्रहण भले ही उससे थोड़ा कम अवधि का होगा, लेकिन इसका नजारा अद्वितीय होगा।
वैज्ञानिकों ने लोगों से अपील की है कि इस खगोलीय घटना को सुरक्षित तरीके से देखने के लिए विशेष सावधानी बरतें और केवल प्रमाणित सौर चश्मों का उपयोग करें। यह ग्रहण न केवल खगोलप्रेमियों के लिए, बल्कि आम लोगों के लिए भी एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।