भगवान भरोसे चल रहा है वाराणसी नगर निगम : महापौर
सदन की बैठक में जलकल और आलोक विभाग की सबसे अधिक रही शिकायतें
वाराणसी वेस्ट सल्यूशन की कार्यशैली पर पार्षदों ने उठाया सवाल
वाराणसी, नगर निगम सदन की बैठक में ध्वस्त सीवर और प्रकाश व्यवस्था का मामला छाया रहा। पार्षदों ने अपने अपने वार्डो में खराब लाइट और सड़क पर सीवर बहने का मामला उठाया। तो वही अधिकारी समस्याओं का समय से निस्तारण न होने के लिए गोल मोल जवाब देते रहे। जिसपर महापौर ने अधिकारियों को कार्य शैली में सुधार लाने की हिदायत देते हुवे कहा वाराणसी नगर निगम भगवान भरोसे चल रहा है। नगर निगम सदन की बैठक शुक्रवार को 12 बजे आरम्भ हुई।
जिसमे पार्षदों ने अपने अपने वार्डो में सड़क बह रहे सीवर के पानी और खराब लाइटों के बारे में शिकायत करने पर भी महीनों सुधार न होने की बात कही। तो वही नवशहरी वार्डो के पार्षदों ने भी इन शिकायतों के साथ ही ध्वस्त मार्गो की बदहाली पर अधिकारियों से जवाब मांगा। नव शहरी वार्ड की एक महिला पार्षद ने अपने क्षेत्र में डेढ़ साल से पेयजल की समस्या का मुद्दा उठाया। जिसपर महापौर ने नगर आयुक्त को संबंधित जेई और एई पर कार्रवाई करने का आदेश दिया। एक पार्षद ने बताया कि मेरे क्षेत्र में लाइटें 24 घंटे जलती रहती है। तो दूसरे पार्षद ने बताया की मेरे क्षेत्र में लाइटें पिछले चार महीने से खराब हैं। शिकायत किये चार महीने हो गए लेकिन अभी तक ठीक नही हुवा। इस पर प्रभारी आलोक ने कहा कि 48 घंटो में सभी लाइटे ठीक करा दी जाएंगी। जिसपर आश्चर्य ब्यक्त करते हुवे उपसभापति नरसिंह दास ने कहा की जब लाइटे चार महीने से खराब हैं तो नही बनवा पाए। आखिर अचानक इनके पास कौन सी जादू की छड़ी आ गई कि 48 घंटे में सभी लाइटे ठीक करा देंगे। इनके ऊपर काम का बोझ अधिक है।
जिसके कारण ये काम करा नही पा रहे है। उपसभापति ने नगर आयुक्त से निवेदन किया कि इनके काम का बोझ कम किया जाए। इस पर महापौर अशोक कुमार तिवारी ने हिदायत देते हुवे आलोक अधीक्षक को 48 घंटे में पार्षदों की शिकायत का निस्तारण कराने और रिपोर्ट देने को कहा। तो वही फुलवरिया की पार्षद ने कहा एक लाख की आबादी वाले वार्ड में मात्र 26 सफाई कर्मी हैं। कैसे वार्ड साफ होगा। इस पर महापौर ने नगर आयुक्त को पार्षदों की समस्या का निस्तारण 48 घंटे में कराने का निर्देश दिया। वही उपसभापति नरसिंह दास ने बताया कि कार्य दिखाने की होड़ में कही एक साल में ही डमरू को उखाड़कर चौका लगाया जा रहा। तो कही दो साल पुराने चौका को उखाड़कर डमरू लगाया जा रहा है।
उपसभापति ने नाम बताए बिना बताया कि एक वार्ड में मार्ग का कार्य नगर निगम ने दस लाख रुपये में कराया। वार्ड के पहली बार के पार्षद ने जानना चाहा कि आखिर ऐसा क्या लगा है कि दस लाख इस सड़क में लग गए। जब निगम कार्यालय में फ़ाइल निकाल कर देखा और प्रश्न किया तो अभियंता ने कहा गलती से आगड़न कयुबिक मीटर में कर दिया गया है। कार्य तीन लाख का ही है। उपसभापति ने इस उदाहरण के साथ सदन से कार्यो के सही आगड़न कराने कहा।
नगर निगम पांच पांच बार करा रहा टेंडर ठेकेदार नही कर रहे प्रतिभाग
उपसभापति नरसिंह दास ने नगर निगम के कार्यो के टेंडर में ठेकेदारों के प्रतिभाग न करने का सवाल उठाते हुवे कहा कि नगर निगम विकास कार्यो के टेंडर पांच पांच बार करा रहा लेकिन ठेकेदार उसमें रुचि नही ले रहे। जिसके कारण अधिकतर विकास कार्य शुरू ही नही हुवे या फिर रुके हुवे है। वही अच्छे ठेकेदार अब नगर निगम में काम ही नही करा रहे। जिसके कारण कुछ ठेकेदारों को कई काम दे दिए गए हैं। जबकि उनके पास क्षमता नही है। जिससे कार्य बाधित हो रहे। वही ठेकेदारों के टेंडर में प्रतिभाग न करने के पीछे भुगतान न होने की बात बताई।
अध्यक्ष ने पार्षद को बोलने से रोक तो सदन का बहिष्कार कर चले गए
सदन में पार्षद अपने क्षेत्र की समस्यांए गिना रहे थे। इस बीच बबलू शाह ने अपने क्षेत्र की सीवर के समस्या के बारे में सदन में बोलने के लिए उठे तो महापौर ने बैठने को कहा। जिसके बाद बबलू शाह अध्यक्ष के आसन पर चढ़ गए और मामले की रिकॉर्डिंग दिखाने लगे। तब महापौर ने उनको बैठने के लिए कहा। जिसपर बबलू ने कहा हम सदन में अपने क्षेत्र की समस्या नही बताएंगे तो कहा बताएंगे। यहां भी बोलने नही दिया जा रहा। इसके बाद एजेंडा फाड़ते हुवे सदन का बहिष्कार कर चले गए।
वाराणसी वेस्ट सल्यूशन की कार्यशैली पर उठा सवाल
नदेसर वार्ड के पार्षद ने कहा कि मेरे वार्ड में वाराणसी वेस्ट सल्यूशन डोर तो डोर कूड़ा उठाने नही कर रहा है। जिसके कारण वार्ड में सफाई व्यवस्था प्रभावित है। उन्होंने अध्यक्ष से कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है। यह केवल मेरे वार्ड की समस्या नही है। आसपास के कई वार्डो में यही समस्या है। नगर निगम ने वाराणसी वेस्ट सल्यूशन को गाड़िया दी है। उसके लिए डीजल देता है साथ मे प्रतिमाह एक मोटी रकम भुगतान किया जाता है। फिर भी सफाई व्यवस्था में अक्षम साबित हो रही है संस्था।
कबाड़ वाहनों को न हटाने पर महापौर ने जताई नाराजगी
महापौर ने परिवहन प्रभारी से कई बार कहने के बाद भी कबाड़ वाहनों को न हटा पाने का कारण जानना चाहा। जिसपर परिवहन प्रभारी अजय सक्सेना ने कहा हो जाएगा। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुवे महापौर ने कहा कि कई बार आप यह बात कह चुके हैं लेकिन हटेगा कब तक। इसके साथ ही परिवहन प्रभारी के द्वारा क्रय की नाला सफाई की मशीनों को कंडम बताते हुवे कहा कि बिना मतलब की गाड़ियां आप खरीद लेते हैं लेकिन जो मतलब की गाड़िया हैं उनको क्यो नही क्रय कर रहे। घाट की सफाई में प्रतिवर्ष नगर निगम ढाई से तीन करोड़ रुपये खर्च करता है। आखिर घाट की सफाई के लिए मशीनें क्यो नही खरीदी जा रही। जिसपर परिवहन प्रभारी निरुत्तर रहे।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नही बता पाए भवनों की संख्या
सदन में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि जीआईएस सर्वे में नगर निगम सीमा में कुल 2810938 भवन पाए गए है। जिसमे कुल दो लाख चौबीस हजार भवनों से गृहकर लिया जाता है। जिनमे से 170000 भवनों को पिला कार्ड जारी किया गया है। इस पर महापौर ने जानना चाहा कि आखिर पिला कार्ड जारी किए बिना गृहकर कैसे ले सकते है। तो मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने पूरी जानकारी कर बताने की बात कही। इस पर नाराजगी जताते हुवे महापौर ने कहा भगवान भरोसे चल रहा है नगर निगम। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को उन्होंने सदन में तैयारी के साथ आने को कहा। साथ ही निर्देशित किया कि आने वाले त्योहारों से पहले शहर में प्रकाश, मार्ग, सीवर, पेयजल की व्यवस्था सुधार ली जाए। त्योहारों में कोई शिकायत नही मिलनी चाहिए।
अनुज्ञप्ति अधिकारी को नही मालूम शहर में कितने होटल, लॉज और लॉन
सदन ने शहर में होटल, लॉज और लॉन की संख्या जाननी चाही। तो अनुज्ञप्ति अधिकारी मनोज कुमार ने दो बार मे दो तरह के जवाब दिए। जिसपर महापौर ने शहर के होटल, लॉज और लॉन की सही संख्या के लिए कमेटी गठित करने को कहा साथ ही नगर आयुक्त को निर्देशित किया कि जिस भी अधिकारी या कर्मचारी ने शहर के होटल, लॉज और लॉन की संख्या के बारे में गलत रिपोर्टिंग की है। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
गैंगटोक का उदाहरण देकर कहा जागरूकता जरूरी
उपसभापति नरसिंह दास ने स्वक्षता सर्वेक्षण में वाराणसी की गिर रही रैंकिंग को लेकर सवाल किया। उन्होंने गैंगटोक का उदाहरण देते हुवे बताया कि 50 करोड़ रुपये बजट है गैंगटॉक का। जिसमे विकास कार्यो के साथ अधिकारियों कर्मचारियो को वेतन के साथ ही पार्षदों को प्रतिमाह बीस हजार रुपये भत्ता भी देते है। जबकि वहां दिन में कोई भी सफाईकर्मी सफाई करते नही दिखा। जब हमने इसका कारण जानना कि आखिर ये कैसे इतने बजट में इतनी सफाई रख लेते हैं। जो कि हम पचास हजार कर्मचारी रखकर नही कर पा रहे। इसपर गैंगटोक के महापौर ने बताया कि जन जागरूकता है इसका कारण। उपसभापति ने सदन से जन जागरुकता पर कार्य करने का अनुरोध किया।
एसी न चलने से गर्मी में बैठे रहे पार्षद
नगर निगम सदन की बैठक टाउन हॉल में होती है। जिसमे एक तरफ पार्षदों को तो दूसरी तरफ अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था की गई है। दो दिन चली बैठक में पार्षदों के तरफ की ऐसी काम नही कर रही थी। जिसके कारण पार्षद गर्मी में बैठे रहे। जबकि अधिकारियों की तरफ की एसी चल रही थी। जब पार्षदों से सदन में सवाल उठाने को कहा गया तो उन्होंने कहा महापौर ने कहा है जो कार्यकारिणी सदस्य हैं वही सदन में चर्चा कर सकते हैं। हमलोग चर्चा करना भी चाहेंगे तो बैठा देते हैं।