पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और उसकी हत्या को लेकर रोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां डॉक्टर अपनी सुरक्षा की लगातार मांग कर रहे हैं वहीं, पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लगातार आवाज उठाई जा रही है। इस बीच कोलकाता के एक अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद मोदी सरकार ने अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया है। कोलकाता रेप केस के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज पर असमाजिक तत्वों ने हमला बोल दिया था, जमकर उत्पात मचाा था। इन घटनाओं के बाद सुरक्षा को लेकर देशभर में डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके बाद अब मोदी सरकार ने मेडिकल हॉस्पिटल में 25% सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्र के अनुसार केंद्र सरकार के सभी मेडिकल हॉस्पिटल में 25% सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि जरूरत के आधार पर मार्शल भी बढ़ाए जाएंगे। DGHS की अध्यक्षता में जो कमेटी बनाई जाएगी, वो इनकी समस्याओं पर सुझाव लेंगे। डॉक्टरों की बेसिक समस्याएं जैसे रेस्ट रूम, CCTV सुविधाएं इन सब को ठीक किया जाएगा। हिंसा मामले में 6 घंटे के भीतर FIR दर्ज कराने का आदेश भी दिया गया है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि अस्पताल में प्रवेश और निकास को सख्ती से निगरानी में रखा जाए ताकि केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति दी जा सके। इसके अलावा स्टाफ, मरीजों और विजिटर्स के लिए पहचान पत्र जारी किए जा सकते हैं ताकि अधिकृत व्यक्तियों की पहचान आसानी से हो सके। ड्यूटी के दौरान सभी अस्पताल स्टाफ के लिए पहचान पत्र का दिखाना अनिवार्य किया जाए। यह सुनिश्चित करने के लिए उचित व्यवस्था की जाए कि सभी विजिटर्स की निगरानी की जा सके।
सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी जो अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए सुरक्षा और सुविधाओं के विभिन्न पहलुओं जैसे ड्यूटी रूम, काम के घंटे और स्थितियां तथा कैंटीन सेवाओं पर गौर करेगी। आधिकारिक सूत्र ने कहा कि अस्पताल सार्वजनिक सुविधाएं हैं, इसलिए उन्हें किले में नहीं बदला जा सकता। हमने डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने का आग्रह किया है, क्योंकि मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।