मॉरीशस, 25 जून 2025: सिर्फ 12 लाख की आबादी, भारत से 5100 किमी की दूरी, और हिंद महासागर में बसा एक छोटा सा द्वीपीय देश। लेकिन इस मुल्क को भारत की मोदी सरकार इतनी तवज्जो क्यों दे रही है? आखिर क्या है वो रणनीतिक मंत्र, जो PM मोदी को बार-बार मॉरीशस की ओर खींच रहा है?
मंगलवार को PM मोदी ने की मॉरीशस के PM से बात
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम से फोन पर लंबी बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-मॉरीशस रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर मंथन किया। PM मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मॉरीशस भारत के ‘विजन महासागर’ और ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति का अहम साझेदार है।” उन्होंने रामगुलाम को 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में उत्साहपूर्ण भागीदारी के लिए सराहा और जल्द भारत आने का न्योता भी दिया।
मार्च में मॉरीशस पहुंचे थे PM मोदी
इस साल मार्च में PM मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनकर पहुंचे थे। यह दूसरा मौका था, जब वे इस समारोह में शामिल हुए; पहली बार 2015 में गए थे। इस दौरान मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्मबीर गोखूल ने उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया। यह पहली बार था, जब किसी भारतीय नेता को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला।
हिंद महासागर का ‘चेसबोर्ड’ और मॉरीशस की अहमियत
कहावत है, “जो समंदर को नियंत्रित करता है, वही दुनिया पर राज करता है।” हिंद महासागर वैश्विक व्यापार, ऊर्जा और सैन्य रणनीति का केंद्र है। इसके शिपिंग मार्ग और संसाधन इसे भूराजनीतिक ‘चेसबोर्ड’ बनाते हैं। इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को काउंटर करने के लिए भारत अपनी समुद्री रणनीति को तेजी से मजबूत कर रहा है। पहले ‘विजन सागर’ और अब ‘विजन महासागर’ के तहत भारत मॉरीशस जैसे छोटे लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देशों के साथ साझेदारी गहरा रहा है।
मॉरीशस हिंद महासागर में भारत की निगरानी और समुद्री सुरक्षा के लिए अहम है। भारतीय नौसेना के बढ़ते अभ्यास, सूचना साझाकरण और रक्षा सहयोग से समुद्री डकैती, अवैध मछली पकड़ने और सैन्य खतरों पर नकेल कसी जा रही है।
1948 से चला आ रहा है दोस्ती का रिश्ता
भारत और मॉरीशस की दोस्ती पुरानी है। 1948 में, जब मॉरीशस आजाद भी नहीं हुआ था, तब भारत ने इसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित कर लिए थे। संकट के हर दौर में भारत मॉरीशस के साथ खड़ा रहा। चाहे 2020 का वाकाशियो तेल रिसाव हो या कोरोना काल, जब भारत ने मॉरीशस को मुफ्त में कोविशील्ड की 1 लाख खुराकें भेजीं।
बढ़ता व्यापार, मजबूत रिश्ते
मॉरीशस भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार भी है। 2023-24 में दोनों देशों के बीच 851.13 मिलियन डॉलर का व्यापार हुआ, जो 2005-06 के 206.76 मिलियन डॉलर से चार गुना ज्यादा है। भारत का मॉरीशस को निर्यात 778.03 मिलियन डॉलर रहा, जबकि मॉरीशस से आयात 73.10 मिलियन डॉलर।
क्यों खास है मॉरीशस?
मॉरीशस की 48% आबादी हिंदू धर्म को मानती है, जो भारत के साथ सांस्कृतिक जुड़ाव को और मजबूत करता है। लेकिन असल खेल सामरिक है। हिंद महासागर में मॉरीशस भारत के लिए एक ‘रणनीतिक चौकी’ की तरह है। ‘विजन महासागर’ के तहत भारत इस छोटे से देश को साथ लेकर न सिर्फ क्षेत्रीय सुरक्षा बढ़ा रहा है, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी धमक भी कायम कर रहा है।
PM मोदी की मॉरीशस के प्रति सक्रियता साफ संदेश देती है- छोटा देश, बड़ा महत्व। हिंद महासागर की भूराजनीति में मॉरीशस भारत का ‘ट्रंप कार्ड’ है, जिसे साधकर भारत न सिर्फ चीन को जवाब दे रहा है, बल्कि समुद्री शक्ति के रूप में अपनी पहचान भी मजबूत कर रहा है।