सीवान सदर अस्पताल में एक प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा है। डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग भी की है। परिजनों ने बताया कि मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के जाफरा गॉंव निवासी कृति कुमारी को डिलीवरी के लिए बुधवार को दिन में सदर अस्पताल भर्ती कराया गया था, जिसके बाद कृति कुमारी ने शाम में एक बच्ची को जन्म दिया। जन्म के कुछ घंटों बाद वहाँ मौजूद नर्सों ने बताया कि जो बच्ची हुई है, उसकी हालत ज्यादा नाजुक है। अचानक यह सुनकर परिजन घबरा गए, और बच्ची को देखने के लिए कहने लगे। लेकिन जब बच्चे की बिगडती तबियत की बात सुनकर परिजनों की हलचल बढ़ते लगी तो नर्सों ने फिर कहा कि बच्ची ठीक है उसकी माँ को एक यूनिट ब्लड की जरूरत है। आनन-फानन में परिजनों ने एक यूनिट ब्लड भी उपलब्ध करा दिया। शाम होने तक किसी ने कुछ नहीं कहा और ना ही उनलोगों ने प्रसूता से ही मिलने दिया। फिर अचानक रात मे डॉक्टर आई और बोली कि उसकी हालात नाजुक है। बाहर रेफर करा लीजिए। आनन फानन में उसको रेफर कर दिया गया। लेकिन जब एम्बुलेंस में प्रसूता को रख कर ले जाने से पहले किसी दूसरे डॉक्टर से परिजनों ने चेक कराया तो डॉक्टर ने बताया कि वह तो बहुत देर पहले ही मर चुकी है। इसी बात पर परिजन भड़क गए और फिर अस्पताल में जमकर बवाल काटा। हंगामा देख डॉक्टर और नर्स अस्पताल छोड़कर फरार हो गए।
परिजनों ने लगाया डॉक्टर के नही होने का आरोप प्रसूता कृति कुमारी की मौत के बाद वहां परिजन के साथ मौजूद मुकेश कुमार ने बताया कि खूब इधर उधर घुमाया गया है। पहले बच्ची की तबियत खराब बताई गई और फिर प्रसूता की तबियत ख़राब बताई गई। ब्लड की भी मांग की गई। जब सब कुछ दे दिया गया तो फिर रात में कहा गया कि जल्दी दूसरे डॉक्टर से दिखाईए और प्रसूता को रेफर कर दिया गया। मुकेश कुमार ने यह भी बताया कि इसमें डॉक्टर डयूटी पर नही थी सिर्फ। वहां नर्स इलाज कर रही थी। उन्होंने कहा कि इनके लापरवाही की वजह से प्रसूता की मौत हुई है।
सदर अस्पताल के मैनेजर ने दी सफाई इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रबंधक एसरारुलहक ने भी इस मामले पर गोलमोल जवाब दिया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर पल्लवी नीति की ड्यूटी थी और ज्यादा ब्लीडिंग की वजह से मरीज को रेफर किया गया था जिसके बाद उसकी मौत हो गयी। उन्होंने कहा कि यहां उसका बेहतर इलाज किया गया था।