वाराणसी, 16 फरवरी 2025, रविवार। काशी तमिल संगमम् 3.0 के दूसरे दल ने रविवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया। तमिलनाडु से आए दूसरे समूह का मंदिर न्यास की ओर से गंगा द्वार पर पुष्प वर्षा और डमरू के नाद के बीच भव्य स्वागत किया गया। अतिथियों ने हर हर महादेव के उद्घोष के साथ श्री विश्वनाथ धाम में प्रवेश किया। न्यास की ओर से डिप्टी कलेक्टर शंभू शरण एवं अन्य अधिकारियों ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। अतिथियों ने पूरी श्रद्धा से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया। मंदिर न्यास के डिप्टी कलेक्टर ने श्री काशी विश्वनाथ धाम में उपलब्ध सुविधाओं एवं दर्शन पूजन की व्यवस्था के बारे में अतिथियों को विस्तार से जानकारी दी। श्री काशी विश्वनाथ महादेव का दर्शन पूजन कर अतिथियों ने काफी ऊर्जा महसूस की।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पधारे श्रद्धालुओं का सीईओ ने अंगवस्त्रम देकर किया स्वागत
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन का सिलसिला अनवरत जारी है। दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं को जरूरी सुविधाएं एवं अच्छा दर्शन अनुभव कराने के लिए मंदिर न्यास संवेदनशील होकर प्रयत्न कर रहा है। मंदिर न्यास के अधिकारी धाम में भ्रमण कर श्रद्धालुओं से संवाद कर व्यवस्था का फीडबैक भी ले रहे हैं। मंदिर के सीईओ विश्व भूषण ने रविवार को धाम में व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने भ्रमण के दौरान दर्शन पूजन के लिए पधारे श्रद्धालुओं से बातचीत कर धाम में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी। लाइन में लगे कई बुजुर्ग श्रद्धालुओं से इंतजामों के बारे में फीडबैक लिया और उनके सुगम दर्शन की व्यवस्था भी कराई। सीईओ ने श्री काशी विश्वनाथ धाम में पधारे कुछ श्रद्धालुओं को अंगवस्त्रम देकर उनका स्वागत किया। वहीं नन्हे- मुन्ने भक्तों को उन्होंने महादेव की भेंट के तौर पर चॉकलेट, टॉफी दिए।
महाकुम्भ-2025: श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शनार्थियों की संख्या में इजाफा
महाकुम्भ-2025 के दौरान श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शनार्थियों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। 15 फ़रवरी 2025 को 6,39,465 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जबकि 16 फ़रवरी 2025 को रात्रि 09:30 बजे तक 5,61,098 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। महाकुम्भ आयोजन के सफल संपन्न होने की दिशा में मंदिर प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मंदिर के सीईओ विश्व भूषण मिश्रा ने सभी से अपील किया कि स्थानीय पुलिस, प्रशासन और मंदिर के निर्देशों का पालन करें और अन्य भक्तों का भी ध्यान रखते हुए संयम, भक्ति और श्रद्धा के साथ बाबा विश्वनाथ जी का दर्शन करें।