दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने तीनों नगर निगमों के महापौर और आयुक्तों को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने पूछा है कि आखिरकार किस आधार पर नवरात्र के दौरान मीट की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने या बंद करने का फैसला लिया।
आयोग ने 24 घंटे के भीतर इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने सहित तीनों महापौर को शुक्रवार को आयोग के समक्ष पेश होने को कहा है। नोटिस की प्रति तीनों निगमों के आयुक्तों को भेज दी गई है।
दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने मंगलवार को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में मीट की दुकानें नवरात्र के दौरान बंद रखने को कहा था। हालांकि नागरिक निकायों द्वारा कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया था।
महापौर के पास इस तरह का आदेश जारी करने की शक्ति नहीं है। इस संबंध में फैसला केवल आयुक्त द्वारा ही लिया जा सकता है। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जाकिर खान ने बृहस्पतिवार को जारी कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीनों महापौर से इस मामले में तत्काल स्पष्टीकरण मांगा है।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश सूर्यन ने नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव के दौरान मीट की दुकानों को बंद नहीं करने पर गंभीर कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
उधर, पूर्वी दिल्ली के मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल ने भी इसका पालन करते हुए दुकानें बंद रखने को कहा था। हालांकि मीट की अधिकांश दुकानें बुधवार को खुलीं और मालिकों ने इसके खिलाफ आधिकारिक आदेश न मिलने का हवाला दिया।