वाराणसी, 17 जून 2025, मंगलवार। वाराणसी के गंगापुर, मंगारी गांव में एक दिल को झकझोर देने वाला हादसा सामने आया, जहां छोटे भाइयों ने मिलकर अपने बड़े भाई रमेश राम (50) को लाठियों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। रमेश, जो पेशे से राजमिस्त्री थे, अपनी दो साल की नातिन को रामायण की कहानी सुना रहे थे, लेकिन एक छोटी-सी बात ने इतना भयंकर रूप ले लिया कि परिवार का सुख-चैन हमेशा के लिए छिन गया।
रामायण की कहानी से शुरू हुआ विवाद
सोमवार रात करीब 9 बजे, रमेश अपनी नातिन लाडो को प्यार से हनुमान जी की कहानी सुना रहे थे। जैसे ही उन्होंने हनुमान जी की माता का नाम “अंजनी” लिया, छोटे भाई सुभाष की पत्नी फूल कुमारी भड़क उठी। अंजनी उनके बेटी का नाम था, और उन्हें लगा कि रमेश उनकी बेटी पर तंज कस रहे हैं। बस, यहीं से शुरू हुआ एक छोटा-सा विवाद, जो जल्द ही खूनी मंजर में बदल गया।
लाठियों का कहर, पत्नी की पुकार बेकार
विवाद बढ़ता देख सुभाष मौके पर आ गया और रमेश से उलझ पड़ा। शोर-शराबे के बीच सबसे छोटा भाई अनिल भी वहां पहुंचा और उसने भी सुभाष व फूल कुमारी का साथ देना शुरू कर दिया। बहस जल्द ही मारपीट में बदल गई। सुभाष और अनिल लाठियां लेकर आए और बड़े भाई पर बेरहमी से हमला बोल दिया। रमेश को जमीन पर गिरा दिया गया, और लाठियों की बारिश में उनका सिर दो जगह से फट गया। पत्नी रीता गिड़गिड़ाती रही, हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगती रही, लेकिन दोनों देवरों का दिल नहीं पसीजा।
पड़ोसियों ने बचाई जान, मगर देर हो चुकी थी
रीता की चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी दौड़े आए। उनकी मौजूदगी में हमलावरों ने लाठियां चलाना बंद किया, लेकिन तब तक रमेश मरणासन्न हालत में पहुंच चुके थे। पड़ोसियों ने तुरंत उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, और फिर वहां से दीनदयाल अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने रमेश को मृत घोषित कर दिया। इस दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया।
पुलिस ने शुरू की कार्रवाई
पत्नी रीता की शिकायत पर फूलपुर थाना पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। रमेश के दोनों छोटे भाई सुभाष, अनिल और सुभाष की पत्नी फूल कुमारी को हिरासत में ले लिया गया। थाना प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, और रमेश के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
एक परिवार का टूटा सपना
रमेश राम अपने परिवार के साथ साधारण जिंदगी जी रहे थे। उनके दोनों छोटे भाई भी उसी परिसर में रहते थे, लेकिन अलग-अलग कमरों में। एक छोटी-सी गलतफहमी ने न केवल एक परिवार को बिखेर दिया, बल्कि एक मासूम नातिन की गोद से उसके दादा को हमेशा के लिए छीन लिया। यह घटना गंगापुर, मंगारी गांव के लिए एक काला अध्याय बन गई, जो लंबे समय तक लोगों के जेहन में रहेगी।