लखनऊ, 8 जून 2025, रविवार: राजधानी लखनऊ में एक दुखद और हृदय विदारक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) के 59 वर्षीय प्रोजेक्ट मैनेजर सुधाकांत मिश्र ने शनिवार देर रात अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे मोहल्ले को गहरे सदमे में डुबो दिया।
क्या हुआ उस रात?
जानकारी के मुताबिक, घटना के समय सुधाकांत की पत्नी घर के दूसरे कमरे में थीं, जबकि उनका बेटा कार्तिकेय अपनी बीमार सास को देखने अस्पताल गया था। देर रात घर लौटने पर कार्तिकेय ने पिता का कमरा बंद पाया। खिड़की से झांकने पर उन्हें अपने पिता का शव फंदे से लटकता दिखा। आनन-फानन में उन्होंने परिजनों को बुलाया, दरवाजा तोड़ा और सुधाकांत को लखनऊ के शेखर हॉस्पिटल ले गए। लेकिन, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
15 साल से डिप्रेशन से जूझ रहे थे सुधाकांत
पड़ोसियों और परिजनों के अनुसार, सुधाकांत पिछले 15 सालों से डिप्रेशन से जूझ रहे थे और उनका इलाज भी चल रहा था। वह रिटायर्ड IAS अधिकारी मंगला प्रसाद मिश्र के बेटे थे। कार्तिकेय ने बताया कि उनके पिता अक्सर डिप्रेशन के चलते आत्महत्या की बातें करते थे, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेंगे। सुधाकांत हरदोई में तैनात थे और तीन महीने बाद रिटायर होने वाले थे। उनकी पत्नी एक स्कूल में शिक्षिका हैं।
परिवार पर छाया गम का साया
इस घटना ने सुधाकांत के परिवार को गहरे दुख में डुबो दिया। कार्तिकेय और अन्य परिजन इस अप्रत्याशित कदम से स्तब्ध हैं। आसपास के लोग भी इस घटना से हैरान हैं और सुधाकांत की याद में शोक व्यक्त कर रहे हैं।
पुलिस जांच में जुटी
थाना प्रभारी विकास राय ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। परिजनों का कहना है कि डिप्रेशन और बीमारी के चलते सुधाकांत ने यह कदम उठाया। हालांकि, मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।