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Sunday, June 1, 2025

जमशेदपुर में दिल दहलाने वाली घटना: कैंसर पीड़ित इंजीनियर ने परिवार समेत की आत्महत्या

जमशेदपुर, 24 मई 2025, शनिवार। जमशेदपुर के आदित्यपुर, चित्रगुप्त नगर में एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। टाटा स्टील गम्हरिया के 40 वर्षीय सीनियर मैनेजर कृष्ण कुमार, उनकी पत्नी डोली, 13 वर्षीय बेटी पूजा और 6 वर्षीय बेटी मैया के शव शुक्रवार रात उनके घर में फंदे से लटके मिले। यह परिवार कैंसर की बीमारी और उससे उपजे अवसाद की भयावह छाया में डूब गया था, जिसने उन्हें इस अंतिम कदम तक पहुंचा दिया।

कमरे से आई दुर्गंध ने खोला राज

घटना का खुलासा तब हुआ, जब पड़ोसियों ने बंद घर से आने वाली दुर्गंध की शिकायत पुलिस से की। शुक्रवार रात करीब 10 बजे पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो एक ही कमरे में चारों शव फंदे से अगल-बगल लटके मिले। दृश्य इतना हृदयविदारक था कि मौके पर मौजूद लोग सन्न रह गए। पुलिस ने फोरेंसिक टीम को बुलाकर जांच शुरू की।

कैंसर की जंग और टूटता हौसला

कृष्ण कुमार हाल ही में मुंबई से कैंसर का इलाज कराकर लौटे थे। उनके पिता शोभिंदो तिवारी ने बताया कि डॉक्टरों ने थर्ड स्टेज कैंसर की पुष्टि की थी और नियमित कीमोथेरेपी की सलाह दी थी। यह सुविधा जमशेदपुर में उपलब्ध थी, और कृष्ण ने इसके लिए टाटा स्टील में आवेदन भी दिया था। लेकिन मुंबई से लौटने के बाद परिवार ने खुद को दुनिया से अलग कर लिया। बुधवार शाम के बाद न तो वे घर से बाहर निकले और न ही किसी से बात की। पड़ोसियों का कहना है कि कैंसर का पता चलने के बाद से ही परिवार गहरे अवसाद में था।

खामोशी जो चीख बन गई

कृष्ण कुमार का परिवार पहले सामाजिक और हंसमुख था, लेकिन बीमारी की खबर ने उनके जीवन को उदासी के अंधेरे में धकेल दिया। पड़ोसियों के अनुसार, बुधवार शाम को आखिरी बार देखे जाने के बाद परिवार ने अपने घर के दरवाजे बंद कर लिए। गुरुवार से लेकर शुक्रवार तक कोई हलचल न होने पर पड़ोसियों को शक हुआ, और आखिरकार पुलिस की मौजूदगी में यह दुखद सच्चाई सामने आई।

सवाल जो पीछे छूट गए

यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति और उनके परिवार को मानसिक और भावनात्मक सहारा कितना जरूरी है, यह इस घटना से स्पष्ट है। क्या समय पर सहानुभूति, समर्थन और सही मार्गदर्शन इस त्रासदी को टाल सकता था? पुलिस और फोरेंसिक टीम मामले की गहन जांच कर रही है, लेकिन इस परिवार की खामोशी अब एक ऐसी चीख बन चुकी है, जो लंबे समय तक गूंजती रहेगी।

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