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Thursday, November 21, 2024

काशी में सती के शव संग शिव घूमेंगे ब्रह्मांड

वाराणसी। महामाया जगत जननी की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र और दुर्गा की शुरुआत तीन अक्टूबर से हो रही है। कोलकाता की तरह वाराणसी के प्रमुख जगहों पर भव्य पंडालों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। काशीवासियों को गंगा किनारे से लेकर वरुणापार तक एक से बढ़कर पंडाल और प्रतिमाओं के दर्शन प्राप्त होगे। वहीं, अभी से ही शिवपुर के पूजा पंडाल और देवी प्रतिमा लेकर की चर्चा पूरे पूर्वांचल में होने लगी है। हर बार धार्मिक प्रसंगों को वास्तविकता के सांचे में उत्कृष्टता के साथ पूजा पंडाल और देवी प्रतिमा में दशनि वाले धार्मिक आयोजन सेवा समिति, लालजी कुंआ, शिवपुर का पूजा पंडाल इस बार भी लोगों पर अपनी अमिट छाप छोड़ेगा।
सती प्रसंग का होगा जीवंत दर्शन
इस बार शिवपुर में 52 शक्तिपीठों में से एक गुवाहटी, असम में स्थापित मां कामाख्या शक्ति पीठ के दर्शन भक्तों को प्राप्त होंगे। पंडाल में इस बार विशेष यह है कि सती प्रसंग का जीवंत दर्शन होगा। 60 फीट के पंडाल कामाख्या शक्तिपीठ के अनुरूप बनाने के लिए बांस-बल्लियों और लाल कपड़ों का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही मंदिर की नक्काशी आदि को दिखाने लिए थर्मोकोल का प्रयोग किया गया है। यहां आने पर भक्तों को वास्तविकता ऐसा आभास होगा मानो वो कामाख्या देवी मंदिर में ही मौजूद हों।
शिवपुर के पूजा पंडाल में दिखेगा मां कामाख्या शक्ति पीठ
समिति के अध्यक्ष राकेश केशरी ने बताया कि पंडाल में चार मिनट का इलेक्ट्रॉनिक शो होगा। इस लाइव शो में नां कामाख्या कैसे प्रकट हुई, इसे जीवंतता के साथ दिखाया जायेगा। प्रसंग के अनुसार देवो सतो का शव लेकर भगवान शिव पूरे ब्रह्मांड में घूमते दिखेंगे। वहीं, भगवान विष्णु प्रकट होंगे और अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शव को खंडों में विभक्त कर देते हैं। प्रत्येक खंड जहां-जहां गिरा वहां शक्तिपीठ बना। इसी क्रम में मां कामाख्या प्रकट होंगी। यहां शो कुछ सेकेंड के लिए रुकेगा। इसके बाद देवी दुर्गा स्वरूप बनायी गयी मां कामाख्या की सपरिवार प्रकट होकर भक्तों को अलौकिक दर्शन देंगी। वहीं, महिषासुर क्षमा याचना करेंगे। देवी प्रतिमा का निर्माण मूर्तिकार अभिजीत विश्वास कर रहे है।
सुरक्षा के होंगे पुख्ता इंतजाम
देवी दुर्गा की प्रतिमा 12 फुट को जो शेर पर सवार होकर दर्शन देंगी। शेर पर सवार प्रतिमा की ऊंचाई 15 फुट रखी गयी है। समिति के अध्यक्ष ने बताया कि पंडाल के पट नौ अक्टूबर को खुलेंगे। प्रतिमा विसर्जन 13 अक्टूबर को शिवपुर स्थित रामभट्ट तालाब में होगा। जबकि 15 अक्टूबर को भव्य भंडारा का आयोजन किया गया है। पंडाल में सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी व अग्निशमन के उपकरणों आदि की व्यवस्था रहेगी। साथ समिति के वॉलिंटियर भक्तों की अथाह भीड़ को नियंत्रित करने में सहयोग करेंगे।

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