बांग्लादेश में हुई हिंसा के बाद शेख हसीना प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़कर बांग्लादेश से भारत आ चुकी हैं, लेकिन अब भी शेख हसीना की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। देश छोड़कर भागने पर मजबूर हुई हसीना को बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों के हुई हिंसा में मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। यही नहीं अब हसीना के भारत में चैन से रहने पर भी मानो किसी की नजर लग गई हो। सूत्रों की मानें तो बांग्लादेश की अंतरिक सरकार भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर विचार कर सकती है। माने बांग्लादेश सरकार भारत से जल्द ही हसीना को उनके हवाले करने की मांग कर सकती है।
खबरों के मुताबिक, बांग्लादेश में बनी मोहम्मद यूनुस की नई अंतरिम सरकार शेख हसीना को भारत में भी सुकून से रहने नहीं देना चाहती। बांग्लादेश की सरकार भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण करने को लेकर विचार कर सकती है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद ने एक इंटरव्यू के दौरान यह कहा कि यदि कानून मंत्रालय किसी नतीजे पर आता है तो उन्हें शेख हसीना की वापसी करने को लेकर भारत से बात करनी होगी। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ केस दर्ज हो रहे हैं मामलों को लेकर बांग्लादेश सरकार उनकी वापसी करने का ऑप्शन चुन सकती है।
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हाथ धोना पड़ा है। अगस्त में शेख हसीना के आधिकारिक आवास पर मार्च करने वाले प्रदर्शनकारियों ने सेना की ओर से लगाए गए कर्फ्यू को नहीं माना। भारी भीड़ को अपनी ओर बढ़ता देख उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना भारत आई और तब से वहीं रह रही है। शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में दंगे खत्म नहीं हुए और उग्र होते गए बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं पर भी कई प्रकार के अत्याचार हुए। बांग्लादेश में हुई हिंसा की घटनाओं में 500 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।