16 अक्टूबर 2024
चंद्र की रोशनी में खीर बनाने और देवी लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने की परंपरा, जानिए इस दिन कौन-कौन से शुभ काम करें
इस साल शरद पूर्णिमा की तारीख को लेकर पंचांग भेद हैं। तिथियों की घट-बढ़ की वजह से आश्विन मास की पूर्णिमा 16 और 17 अक्टूबर को है। 16 अक्टूबर की शाम करीब 7 बजे पूर्णिमा तिथि शुरू होगी जो कि 17 अक्टूबर की शाम करीब 5 बजे तक रहेगी। शरद पूर्णिमा पर रात में पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व है और 16 अक्टूबर की रात ही पूर्णिमा तिथि रहेगी, इसलिए अधिकतर क्षेत्रों में आज रात ही शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, शरद पूर्णिमा की रात चंद्र की रोशनी में खीर बनाने की परंपरा है। रात में ही देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है और खीर का भोग लगाया जाता है। इस तिथि पर श्रीकृष्ण गोपियों संग महारास रचाते हैं।