मुंबई, 09 अगस्त 2025: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूची में हेरफेर और ‘वोट चोरी’ के गंभीर आरोपों को राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने समर्थन देते हुए इसे तथ्यपूर्ण और शोध आधारित बताया है। पवार ने निर्वाचन आयोग (ईसीआई) से इस मामले की गहन जांच की मांग की है।
शनिवार को मुंबई में एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए शरद पवार ने खुलासा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दो लोग उनसे मिले थे। इन लोगों ने पैसे के बदले वोटर आईडी में हेरफेर कर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के लिए 160 सीटें सुनिश्चित करने का दावा किया था। पवार ने कहा, “मुझे तब इस पर भरोसा नहीं हुआ, लेकिन अब राहुल गांधी ने जो तथ्य पेश किए हैं, वे गंभीर और दस्तावेजों पर आधारित हैं। यह साफ है कि इस मामले में गड़बड़ी हुई है।”
पवार ने स्वीकार किया कि विपक्षी गठबंधन एमवीए को चुनाव से पहले अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, “हमें इस मुद्दे पर पहले ध्यान देना चाहिए था और सावधानी बरतनी चाहिए थी। अब यह निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है कि वह इन आरोपों की निष्पक्ष जांच करे।”
राहुल गांधी ने हाल ही में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को ‘संस्थागत चोरी’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग पर भाजपा के साथ मिलकर गरीबों के मताधिकार को छीनने का आरोप लगाया था। उनके इन दावों को अब शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता के समर्थन से और बल मिला है।
पवार ने कहा, “राहुल गांधी ने अपनी बात को तथ्यों और दस्तावेजों के साथ प्रभावी ढंग से रखा है। यह लोकतंत्र के लिए गंभीर मुद्दा है, और इसकी तह तक जाना जरूरी है।”
इस बीच, विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी शुरू कर दी है, जबकि सत्तारूढ़ दल ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। निर्वाचन आयोग की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।