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Monday, June 16, 2025

शर्मनाक! अमरनाथ यात्रा के लिए BSF जवानों को रेलवे ने दी जर्जर ट्रेन, TMC ने केंद्र को लिया आड़े हाथ

नई दिल्ली, 12 जून 2025, गुरुवार। साफ-सुथरी ट्रेन में सफर करना किसे पसंद नहीं? लेकिन जब बात देश की सीमाओं पर तैनात हमारे BSF जवानों की हो, तो रेलवे ने जो किया, वो वाकई शर्मनाक है! त्रिपुरा से जम्मू के लिए अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी पर जा रहे 1200 जवानों के लिए रेलवे ने ऐसी जर्जर ट्रेन भेज दी, जो देखते ही नाक-मुंह सिकोड़ने को मजबूर कर दे!

टूटी सीटें, जाम खिड़कियां, बदबूदार टॉयलेट

इस ट्रेन की हालत ऐसी थी कि सीटें फटीं, खिड़कियां टूटीं, और दरवाजे तक जाम! टॉयलेट? उसका तो हाल ऐसा कि कोई पास भी न जाना चाहे। जवानों ने इसे देखते ही साफ मना कर दिया कि ऐसी ट्रेन में सफर नहीं करेंगे। आखिरकार, रेलवे को दूसरी ट्रेन भेजनी पड़ी, तब जाकर जवान जम्मू रवाना हो सके। इस लापरवाही पर रेलवे ने चार जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड कर कार्रवाई की, लेकिन सवाल ये है कि ऐसी गलती हुई ही क्यों?

TMC ने वीडियो शेयर कर सरकार पर बोला हमला

तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस घटिया ट्रेन का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। TMC ने तंज कसते हुए पूछा, “एक तरफ PM मोदी कहते हैं कि उनकी रगों में ‘गरम सिंदूर’ बहता है, तो दूसरी तरफ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जवानों के लिए ऐसी बदहाल ट्रेन क्यों भेजते हैं?” पार्टी ने कहा कि ये जवान अमरनाथ यात्रियों की जान बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगाते हैं, और सरकार उन्हें ऐसी बेइज्जती दे रही है!

1200 जवानों की थी जम्मू जाने की तैयारी

दरअसल, BSF ने त्रिपुरा के उदयपुर से 1200 जवानों को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए जम्मू भेजने के लिए रेलवे से विशेष ट्रेन मांगी थी। ट्रेन में 2 AC-2 टियर, 2 AC-3 टियर, 16 स्लीपर और 4 जनरल/SLR कोच की मांग थी। लेकिन जब जवान ट्रेन में पहुंचे, तो हालत देखकर हैरान रह गए। शिकायत के बाद रेलवे में हड़कंप मचा, और आनन-फानन में दूसरी ट्रेन का इंतजाम हुआ। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस मामले में चार अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया है।

अमरनाथ यात्रा की शुरुआत, LG ने की प्रथम पूजा

उधर, अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है। 11 जून बुधवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पवित्र गुफा में हिमलिंग की प्रथम पूजा की, जो इस यात्रा की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक है। 38 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी।

सवाल अब भी बाकी है…

हमारे जवान, जो श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए दिन-रात एक करते हैं, क्या उनके साथ ऐसा व्यवहार शोभा देता है? रेलवे की इस लापरवाही ने न सिर्फ जवानों का अपमान किया, बल्कि देश के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया- क्या हम अपने नायकों का सम्मान करना भूल रहे हैं?

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