वाराणसी, 19 जून 2025, गुरुवार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी वाराणसी अर्बन रोपवे ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर अप्रत्याशित संकट मंडरा रहा है। गोदौलिया चौराहे के समीप पिलर नंबर 29 की खुदाई के दौरान शाही नाले की सदी पुरानी दीवार अचानक ढह गई, जिसके बाद रोपवे का निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से ठप हो गया। नाले की दीवार टूटने से आसपास की छह इमारतों पर खतरा बढ़ गया है, जिसने प्रशासन और स्थानीय निवासियों की चिंता को गहरा कर दिया है।
क्या हुआ?
रोपवे के पिलर के लिए गहरी खुदाई के दौरान मशीन का ड्रम जमीन में धंस गया और पानी का रिसाव शुरू हो गया। जांच में पता चला कि यह पानी शाही नाले की एक शाखा ‘घोड़ा नाला’ से आ रहा था, जो जमीन के 25 फीट नीचे बह रहा है। नाले की दीवार के कमजोर होने और टूटने से निर्माण कार्य को तुरंत रोकना पड़ा। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर काम जारी रहता, तो भारी मशीनों के कंपन से ऊपर बनी दुकानें और मकान ढह सकते थे।
अब क्या?
लखनऊ से पहुंचे जल निगम के चीफ इंजीनियर संजय कुमार गौतम ने मौके का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि नाले की मरम्मत के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाएगा। रोबोटिक कैमरे नाले के भीतर की स्थिति का जायजा लेंगे, जहरीली गैसों की जांच करेंगे और दीवारों को मजबूत करने का काम शुरू होगा। इस प्रक्रिया में कम से कम 40 से 50 दिन लगने का अनुमान है। इस दौरान नाले के प्रवाह को रोका नहीं जाएगा, ताकि अन्य क्षेत्रों में जलभराव की समस्या न हो।
NHAI ने उठाए सवाल
नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) ने जलकल और नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। NHLML का कहना है कि शाही नाले की स्थिति और इसके रास्ते की जानकारी पहले क्यों नहीं दी गई। विभागों के बीच तालमेल की कमी के कारण अब प्रोजेक्ट की लागत और समय दोनों पर भारी असर पड़ रहा है।
आसपास की इमारतें खतरे में
प्रशासन ने स्वीकार किया कि अगर निर्माण कार्य जारी रहता, तो आसपास की दुकानों और मकानों को गंभीर नुकसान हो सकता था। फिलहाल सभी गतिविधियां रोक दी गई हैं और सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद ही काम दोबारा शुरू होगा। स्थानीय निवासियों में भी इस घटना को लेकर आक्रोश और चिंता है।
कब तक शुरू होगा काम?
जल निगम और प्रशासन का कहना है कि तकनीकी और सुरक्षा अध्ययन पूरा होने के बाद ही मरम्मत और निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। रोपवे प्रोजेक्ट, जो वाराणसी की ट्रैफिक समस्या को कम करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था, अब समय पर पूरा होने को लेकर संशय की स्थिति में है।