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Tuesday, August 5, 2025

61 की उम्र में सात फेरे, बीजेपी के दिग्गज नेता दिलीप घोष और रिंकू मजूमदार की अनोखी प्रेम कहानी

कोलकाता, 19 अप्रैल 2025, शनिवार। प्यार की कोई उम्र नहीं होती, और इस बात को साबित किया है पश्चिम बंगाल बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने। 61 साल की उम्र में, जब लोग रिटायरमेंट और शांत जीवन की योजना बनाते हैं, दिलीप घोष ने अपने जीवन में एक नया अध्याय जोड़ा। उन्होंने 18 अप्रैल, 2025 को कोलकाता के न्यू टाउन स्थित अपने आवास पर पार्टी सहयोगी और बीजेपी महिला मोर्चा की सक्रिय नेता रिंकू मजूमदार के साथ सात फेरे लिए। यह शादी न केवल उनकी निजी जिंदगी का एक खूबसूरत मोड़ है, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी चर्चा का विषय बन गई है।

दोस्ती से प्यार तक का सफर

दिलीप घोष और रिंकू मजूमदार की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। दोनों की मुलाकात 2021 में कोलकाता के इको पार्क में मॉर्निंग वॉक के दौरान हुई थी। उस समय दिलीप घोष बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे, और रिंकू पार्टी के महिला मोर्चा में सक्रिय थीं। धीरे-धीरे उनकी दोस्ती गहरी हुई, और यह रिश्ता प्यार में बदल गया। खास बात यह है कि शादी का प्रस्ताव रिंकू ने ही रखा था, खासकर 2024 के लोकसभा चुनाव में दिलीप की हार के बाद, जब वह निराशा के दौर से गुजर रहे थे। रिंकू ने न केवल उनका हौसला बढ़ाया, बल्कि उनके जीवन में एक नया रंग भरने का वादा भी किया।

51 वर्षीय रिंकू मजूमदार, जो तलाकशुदा हैं और एक 25 साल के बेटे की मां हैं, ने अपनी सादगी और समर्पण से दिलीप का दिल जीत लिया। उनके बेटे, जो आईटी सेक्टर में काम करते हैं, ने भी इस रिश्ते को सहर्ष स्वीकार किया। इस साल 3 अप्रैल को, जब दिलीप, रिंकू और उनके बेटे ने एक साथ ईडन गार्डन में केकेआर का आईपीएल मैच देखा, तो उनकी नजदीकियों की खबरें सोशल मीडिया पर तैरने लगीं।

मां की इच्छा और नया फैसला

दिलीप घोष, जो 19 साल की उम्र से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक रहे और 2014 में बीजेपी में शामिल हुए, अब तक अविवाहित थे। उनकी जिंदगी राजनीति और सामाजिक कार्यों के इर्द-गिर्द घूमती थी। लेकिन उनकी मां, पुष्पलता घोष, हमेशा चाहती थीं कि उनका बेटा जीवनसाथी के साथ सुखी जीवन जिए। रिंकू ने न केवल दिलीप को प्रपोज किया, बल्कि उनकी मां से भी मुलाकात कर उन्हें इस शादी के लिए राजी किया। मां के आग्रह और रिंकू के प्यार ने आखिरकार दिलीप को यह बड़ा फैसला लेने के लिए प्रेरित किया।

सादगी भरा समारोह, बधाइयों का तांता

18 अप्रैल को न्यू टाउन में आयोजित इस शादी को बेहद निजी और सादगी भरा रखा गया। पारंपरिक बंगाली परिधानों में सजे दिलीप और रिंकू ने वैदिक रीति-रिवाजों के साथ सात फेरे लिए। समारोह में केवल करीबी रिश्तेदार और चुनिंदा दोस्त शामिल हुए। दिलीप ने पारंपरिक टोपी और सफेद कुर्ते में, जबकि रिंकू ने लाल जोड़े में सबका ध्यान खींचा। शादी की तस्वीरें सामने आईं, जिनमें रिंकू का दिलीप के गाल पर पान का पत्ता लगाना हिंदू रीति में सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया।

शादी की खबर ने न केवल बीजेपी कार्यकर्ताओं, बल्कि विपक्षी नेताओं को भी चौंका दिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिलीप को पत्र और फूलों का गुलदस्ता भेजकर शुभकामनाएं दीं। टीएमसी नेताओं कुणाल घोष और देबांगशु भट्टाचार्य ने भी बधाई दी, जबकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने उनके आवास पर जाकर आशीर्वाद दिया। हालांकि, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की चुप्पी ने कुछ सवाल खड़े किए।

राजनीति पर असर? दिलीप का जवाब

दिलीप घोष, जिन्हें पश्चिम बंगाल में बीजेपी को मुख्य विपक्षी दल के रूप में स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है, ने साफ किया कि उनकी निजी जिंदगी का उनके राजनीतिक करियर पर कोई असर नहीं पड़ेगा। न्यू टाउन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं सभी को उनकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद देता हूं। मेरी मां की इच्छा थी कि मैं शादी करूं, और मैंने उनका सम्मान किया। लेकिन मेरी राजनीतिक सक्रियता पहले की तरह जारी रहेगी।”

रिंकू मजूमदार: सशक्त और समर्पित

रिंकू मजूमदार लंबे समय से बीजेपी की सक्रिय कार्यकर्ता रही हैं। दक्षिण कोलकाता में महिला मोर्चा की जिम्मेदारी संभालने के अलावा, उन्होंने ओबीसी मोर्चा और हथकरघा प्रकोष्ठ में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें पार्टी में एक सम्मानित स्थान दिलाया। यह उनकी दूसरी शादी है, और उनकी सादगी और साहस ने न केवल दिलीप, बल्कि पूरे बीजेपी कार्यकर्ता समुदाय का दिल जीत लिया।

समाज को नया संदेश

दिलीप और रिंकू की शादी ने समाज को यह संदेश दिया है कि प्यार और साथ की कोई उम्र नहीं होती। 61 साल की उम्र में दिलीप का यह फैसला उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो जिंदगी के किसी भी पड़ाव पर नए रिश्तों को अपनाने से हिचकते हैं। उनकी कहानी यह भी दिखाती है कि सच्चा साथ और परिवार का समर्थन जिंदगी को और खूबसूरत बना सकता है।

भविष्य की योजनाएं

दिलीप ने बताया कि वह जल्द ही अपने गृहनगर खड़गपुर जाएंगे, जहां 2019 से 2024 तक उन्होंने लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया था। सूत्रों के मुताबिक, खड़गपुर में एक भव्य समारोह की योजना भी है। साथ ही, बीजेपी के वरिष्ठ नेता होने के नाते, वह 2026 के विधानसभा चुनाव में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं।

एक नई शुरुआत

दिलीप घोष और रिंकू मजूमदार की शादी सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं, बल्कि प्यार, विश्वास और परिवार की ताकत का प्रतीक है। इस अनोखी जोड़ी ने साबित कर दिया कि जिंदगी में नए रास्ते तलाशने की हिम्मत कभी कम नहीं होनी चाहिए। उनकी यह प्रेम कहानी निश्चित रूप से लंबे समय तक लोगों के दिलों में बनी रहेगी।

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