मुजफ्फरपुर के महंत दर्शन दास महिला (एमडीडीएम) कॉलेज के बाहर मुस्लिम छात्राओं ने हिजाब हटाने से इनकार करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि इंटरमीडिएट की परीक्षा में बैठने से पहले शिक्षक से हिजाब उतारने से इनकार किया तो आपत्तिजनक टिप्पणी की गई। छात्राएं हिजाब पहनकर इंटरमीडिएट की परीक्षा देने के लिए एमडीडीएम कॉलेज आई थीं। कक्षा में प्रवेश करने पर शिक्षक रवि भूषण ने उन्हें हिजाब हटाने के लिए कहा। शिक्षक को संदेह था कि छात्राएं अपने सिर के स्कार्फ के नीचे कुछ ब्लूटूथ डिवाइस छुपा सकती हैं।
छात्राओं ने शिक्षक से एक महिला गार्ड को बुलाने और अपनी जांच कराने के लिए कहा। छात्राओं ने शिक्षक से कहा कि अगर गार्ड को किसी पर आपत्तिजनक सामग्री मिली तो वह बिना परीक्षा दिए ही चली जाएगी। छात्राओं ने आरोप लगाया कि शिक्षक ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया और परीक्षा में बैठने से पहले हिजाब हटाने को कहा। छात्राओं ने आरोप लगाया कि शिक्षक शशि भूषण ने छात्रों को राष्ट्र-विरोधी भी कहा। छात्रों ने आरोप लगाया, “वह कहने लगे कि तुम यहां रहते हो और पाकिस्तान की गाते हो। पाकिस्तान चले जाओ।
शिक्षक द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से नाराज छात्राएं बिना परीक्षा दिए ही चली गईं और कॉलेज गेट के बाहर धरना दिया। सूचना मिलने पर मिथनपुरा थाना प्रभारी श्रीकांत प्रसाद सिन्हा महिला सिपाही के साथ मौके पर पहुंचे और छात्राओं को समझाने का प्रयास किया। कॉलेज की प्राचार्य डॉ. कानू प्रिया ने भी मौके पर पहुंचकर छात्रों को शांत कराया। जिसके बाद छात्राएं परीक्षा देकर घर चली गईं। डॉ. कानू प्रिया ने बताया कि विरोध कॉलेज का माहौल खराब करने की साजिश थी। कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा, छात्राओं से मोबाइल निकालने और ब्लूटूथ हटाने के लिए कहा गया था। लेकिन, उन्होंने इसे धर्म पर एक अलग मुद्दा बना दिया। इन छात्राओं की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम है। शिक्षा मंत्री और विश्वविद्यालय के सख्त निर्देश है कि खराब प्रतिशत वाली छात्राओं को अंतिम परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी शिक्षिका के बचाव में आते हुए कानू प्रिया ने कहा, ”हिजाब की कोई बात नहीं हुई और जिस शिक्षिका पर छात्राओं ने आरोप लगाया है, उसने राष्ट्र विरोधी और पाकिस्तान जाने जैसा कुछ नहीं कहा। मामले को बेवजह तूल दिया गया है, ताकि कॉलेज प्रशासन उनकी मांगों के आगे झुक सके। एसएचओ ने कहा कि छात्राओं को शांत करा दिया गया है।