वाराणसी, 20 मई 2025, मंगलवार। वाराणसी की आध्यात्मिक नगरी में उस समय हड़कंप मच गया, जब संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्रा के तुलसीघाट स्थित आवास पर चोरों ने दिनदहाड़े सेंध लगाकर करोड़ों रुपये के पुश्तैनी जेवरात और नकदी पर हाथ साफ कर दिया। यह सनसनीखेज वारदात रविवार दोपहर को अंजाम दी गई, जब महंत दिल्ली में थे और उनकी पत्नी आभा मिश्रा मेदांता अस्पताल में इलाज के लिए गई थीं।
दिनदहाड़े चोरों का दुस्साहस
चोरों ने तुलसीघाट स्थित महंत के आवास के दूसरे तल पर धावा बोला। उन्होंने हीरे, सोने और चांदी के बेशकीमती पुश्तैनी जेवरात के साथ-साथ तीन लाख रुपये की नकदी चुरा ली। सोमवार सुबह कर्मचारी सूरज जब कमरे में झाड़ू लगाने पहुंचा, तो उसने दरवाजे की कुंडी खुली और सामान बिखरा हुआ पाया। अलमारी टूटी थी और लॉकर क्षतिग्रस्त थे। महंत को सूचना दी गई, जो तुरंत दिल्ली से वाराणसी लौटे। कमरे का ताला खोलते ही उन्हें चोरी का पता चला।
तीन पीढ़ियों की धरोहर लुटी
महंत के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार पांडेय ने भेलूपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया गया कि चोरों ने तीन पीढ़ियों से संजोए गए खानदानी गहनों को निशाना बनाया। चुराए गए जेवरात में दादी की चार सोने की चूड़ियां, दो सोने के कड़े, नवरत्न सेट, डायमंड नेकलेस, इयररिंग्स, रिंग्स, पन्ना और माणिक के विंटेज सेट, स्वरोस्की ज्वेलरी, और 25 से अधिक कड़े व ब्रेसलेट्स शामिल हैं। ये गहने न केवल आर्थिक रूप से कीमती थे, बल्कि परिवार की भावनात्मक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक थे।
सीसीटीवी में कैद हुई वारदात
चोरी की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई। डीसीपी काशी और एसीपी भेलूपुर फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और आवास की गहन तलाशी ली। सीसीटीवी फुटेज में दो युवक मुंह बांधे, झोले लिए घर से निकलते दिखे। फुटेज के अनुसार, चोरी रविवार सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच हुई। तीन युवकों को मेन गेट से झोले लेकर जाते देखा गया, जिससे पुलिस को शक है कि इसमें घर में काम करने वाले या पूर्व कर्मचारियों की मिलीभगत हो सकती है।
पुलिस की तफ्तीश तेज
एडीसीपी काशी सरवनन टी ने बताया कि दो संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों के आधार पर चोरों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। महंत की पत्नी आभा मिश्रा के लौटने पर चुराए गए सामानों की पूरी सूची तैयार होगी, जिससे नुकसान का सटीक आकलन हो सके।
पहले भी हो चुकी है चोरी
यह पहली बार नहीं है जब महंत के आवास को निशाना बनाया गया है। वर्ष 2010 में तुलसीदास द्वारा लिखित एक बेशकीमती पांडुलिपि चोरी हुई थी, जिसे पुलिस ने बाद में बरामद कर लिया था। कुछ दिन पहले भी आवास के एक कमरे में ताला तोड़ा गया था, लेकिन उसमें कोई कीमती सामान नहीं था, इसलिए शिकायत दर्ज नहीं की गई थी।
आध्यात्मिक नगरी में सनसनी
यह चोरी न केवल महंत के परिवार के लिए बड़ा झटका है, बल्कि वाराणसी की शांति और आध्यात्मिकता से जुड़े लोगों में भी दहशत का माहौल है। महंत आवास से पुश्तैनी धरोहर चोरी होने से स्थानीय लोग स्तब्ध हैं। पुलिस ने जल्द ही इस मामले का खुलासा करने का वादा किया है, लेकिन यह घटना शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है।
क्या वाराणसी जैसे पवित्र शहर में ऐसी वारदातों पर लगाम लग पाएगी? लोग पुलिस की जांच के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं, उम्मीद है कि जल्द ही इस सनसनीखेज चोरी की गुत्थी सुलझ जाएगी।