कुशीनगर (उत्तर प्रदेश), 4 अगस्त 2025: प्यार में धोखा, साजिश और खून की एक ऐसी कहानी सामने आई है, जिसने कुशीनगर जिले को दहला दिया। हाटा थाना क्षेत्र में 30 जुलाई को रंभा देवी की बेरहम हत्या ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। रविवार को पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश करते हुए मृतका के पति गोविन्द गुप्ता और उसके साथी मनीष गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
पहली पत्नी को छोड़ा, दूसरी से शादी, फिर तीसरी से इश्क
पुलिस जांच में सामने आई कहानी दिल दहलाने वाली है। गोविन्द गुप्ता ने पहली पत्नी सीमा को छोड़कर मणिपुर में रंभा देवी से दूसरी शादी रचाई। गोरखपुर लौटने के बाद उसने रंभा को किराए के मकान में रखा, लेकिन यहीं उसकी मुलाकात पूजा यादव से हुई। पूजा से तीसरी शादी के बाद गोविन्द का दिल रंभा से हट गया। रंभा की नाराजगी और आपत्ति उसे नागवार गुजरी। आखिरकार, उसने रंभा को रास्ते से हटाने की ठान ली।
5 लाख की सुपारी और निर्मम हत्या
गोविन्द ने मणिपुर के अपने साथी मनीष गुप्ता को 5 लाख रुपये की सुपारी दी। 30 जुलाई की दोपहर मनीष ने रंभा के सिर पर लोहे की रॉड से वार किया और दुपट्टे से गला घोंटकर उसकी जान ले ली। लाश मिलने से मोहल्ले में सनसनी फैल गई। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा के नेतृत्व में स्वाट, हाटा थाना और सर्विलांस यूनिट ने सीसीटीवी, मोबाइल डेटा और सुरागों के आधार पर साजिश का खुलासा किया। रविवार को दोनों आरोपियों को धर दबोचा गया।
“रंभा का कसूर क्या था?”
मोहल्ले के लोग सदमे में हैं। हर कोई पूछ रहा है, “रंभा का कसूर क्या था?” एक महिला जो अपने पति के साथ जीने का सपना देख रही थी, सिर्फ इसलिए मार दी गई क्योंकि वह पति की तीसरी पत्नी के रास्ते की रुकावट बन गई थी। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल लोहे की रॉड, मोटरसाइकिल और मोबाइल बरामद कर लिए हैं।
पुलिस को शाबाशी, अपराधियों को चेतावनी
एसपी संतोष मिश्रा ने जांच टीम को बधाई दी और कहा, “कुशीनगर में अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।” इस घटना ने न केवल एक परिवार को तोड़ा, बल्कि मानवीय रिश्तों पर सवाल भी खड़े किए हैं। समाज अब इस सवाल का जवाब ढूंढ रहा है कि आखिर प्यार और विश्वास की कीमत क्या खून ही है?