नई दिल्ली, 6 अप्रैल 2025, रविवार। केरल के एर्नाकुलम जिले में कोच्चि की एक निजी मार्केटिंग कंपनी पर अपने कर्मचारियों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कर्मचारियों को कुत्तों की तरह पट्टे से बांधकर घुटनों के बल चलाने और फर्श पर रखे सिक्के चाटने के लिए मजबूर करते हुए दिखाया गया। यह चौंकाने वाली घटना कार्यस्थल पर उत्पीड़न के एक भयावह चेहरे को सामने लाती है, जिसने राज्य भर में आक्रोश पैदा कर दिया है।
कहा जा रहा है कि यह निजी मार्केटिंग फर्म अपने कर्मचारियों पर कठोर नियम थोपती है। जो कर्मचारी अपने तयशुदा टारगेट पूरे नहीं कर पाते, उन्हें कथित तौर पर ऐसी क्रूर सजा दी जाती है। वायरल वीडियो में एक कर्मचारी को पट्टे से बांधे हुए दिखाया गया है, जो घुटनों के बल फर्श पर रेंग रहा है, जबकि उसे सिक्का चाटने के लिए कहा जा रहा है। कर्मचारियों का दावा है कि यह सजा उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी थी, जो फर्म की क्रूर कार्य संस्कृति को उजागर करता है।
इस वीडियो के सामने आने के बाद राज्य के श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने तुरंत कदम उठाया। उन्होंने इसे “चौंकाने वाला और परेशान करने वाला” बताते हुए कहा, “केरल जैसे प्रगतिशील राज्य में इस तरह की घटना को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।” मंत्री ने जिला श्रम अधिकारी को जांच के आदेश दिए और घटना की विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश करने को कहा। राज्य श्रम विभाग ने भी कार्यस्थल उत्पीड़न की गहन जांच शुरू कर दी है।
पुलिस का कहना है कि अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है। एक अधिकारी ने बताया कि मकान मालिक ने इन आरोपों से इनकार किया है, और फिलहाल कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। हालांकि, जांच जारी है। दूसरी ओर, राज्य मानवाधिकार आयोग ने वकील कुलथूर जयसिंह की शिकायत के आधार पर इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया और जांच शुरू की। साथ ही, केरल राज्य युवा आयोग ने भी इस उत्पीड़न की घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए खुद मामला दर्ज किया है।
यह घटना न केवल कंपनी की अमानवीय नीतियों को उजागर करती है, बल्कि कार्यस्थल पर कर्मचारियों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत को भी रेखांकित करती है। सोशल मीडिया पर वायरल यह वीडियो अब एक सबूत बन गया है, जो इस सनसनीखेज मामले को और गंभीर बनाता है। लोग अब यह जानने को बेचैन हैं कि इस क्रूरता के पीछे की सच्चाई क्या है और दोषियों को सजा कब मिलेगी।
केरल, जो अपनी प्रगतिशील सोच और मानवीय मूल्यों के लिए जाना जाता है, इस घटना से सकते में है। यह सवाल उठता है कि क्या यह सिर्फ एक कंपनी की कहानी है, या फिर यह उस गहरे संकट का संकेत है जो कार्यस्थलों पर छिपा हुआ है? जांच के नतीजे शायद इस सवाल का जवाब दे सकें, लेकिन तब तक यह मामला समाज में बहस और बदलाव की मांग को तेज करता रहेगा।