N/A
Total Visitor
26.8 C
Delhi
Tuesday, July 1, 2025

वाराणसी में डायग्नोस्टिक सेंटर संचालक और पत्नी पर सनसनीखेज धोखाधड़ी का केस: IMS निदेशक ने लगाए फर्जी हस्ताक्षर और जाली दस्तावेजों के गंभीर आरोप

वाराणसी, 31 मई 2025, शनिवार। वाराणसी में एक चौंकाने वाले मामले ने सुर्खियां बटोरी हैं, जहां एक डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक और उनकी पत्नी पर धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला दर्ज किया गया है। शुक्रवार देर रात लंका थाने में यह कार्रवाई तब हुई, जब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS) के निदेशक प्रो. एस. एन. संखवार ने नोबल स्टार हेल्थ सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड, रश्मिनगर के निदेशक डॉ. उदय भान सिंह और उनकी पत्नी रजनी सिंह के खिलाफ FIR दर्ज कराई। आरोप? टेंडर प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेज और जाली हस्ताक्षरों के जरिए बीएचयू प्रशासन को ठगने की कोशिश!

टेंडर में फर्जीवाड़े का खेल

प्रो. संखवार ने अपनी शिकायत में बताया कि डॉ. उदय भान सिंह और रजनी सिंह ने सर सुंदरलाल अस्पताल, बीएचयू में 14 अगस्त 2024 को जारी एक महत्वपूर्ण टेंडर में हिस्सा लिया। यह टेंडर सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में डायग्नोस्टिक इमेजिंग के संचालन, रखरखाव और प्रबंधन से जुड़ा था। लेकिन इस जोड़े ने कथित तौर पर फर्जी समझौता पत्र और जाली अनुभव प्रमाण पत्र जमा कर पूरे सिस्टम को धोखा देने की कोशिश की।

आरोपियों ने कानपुर स्कैन्स अल्ट्रासाउंड एंड इमेजिंग सेंटर, कानपुर और डॉ. जायसवाल इमेजिंग क्लिनिक प्राइवेट लिमिटेड, गोरखपुर के साथ कथित व्यापारिक कॉन्ट्रैक्ट का दावा किया। लेकिन जब बीएचयू प्रशासन ने इन दस्तावेजों की पड़ताल शुरू की, तो सच सामने आया। प्रशासन ने रजिस्टर्ड डाक और ईमेल के जरिए दोनों संस्थानों से सत्यापन मांगा, लेकिन जवाब में या तो चुप्पी मिली या बार-बार बयान बदले गए। आखिरकार, अस्पताल की 9 सदस्यीय उच्चस्तरीय तकनीकी मूल्यांकन समिति ने इन दस्तावेजों को पूरी तरह फर्जी और कूटरचित घोषित कर दिया।

जाली हस्ताक्षरों का घिनौना खेल

मामला यहीं नहीं रुका। FIR में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपियों ने सात प्रतिष्ठित रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टरों के हस्ताक्षर जालसाजी कर फर्जी समझौता पत्र तैयार किए। इनमें कुछ ऐसे डॉक्टर भी शामिल हैं, जो ख्यात सोनोग्राफिस्ट हैं और जिनका सीटी स्कैन या एमआरआई से कोई लेना-देना ही नहीं है। इस तरह की धोखाधड़ी ने न केवल बीएचयू प्रशासन को, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र की साख को भी दांव पर लगा दिया।

कानूनी शिकंजे में आरोपी

IMS निदेशक के गंभीर आरोपों के बाद पुलिस ने डॉ. उदय भान सिंह और रजनी सिंह के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला अब वाराणसी ही नहीं, बल्कि पूरे चिकित्सा और प्रशासनिक जगत में चर्चा का विषय बन गया है। बीएचयू प्रशासन और पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि इस फर्जीवाड़े के पीछे की पूरी साजिश का पर्दाफाश हो सके।

यह घटना न केवल धोखाधड़ी की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि क्या ऐसी कोशिशें भविष्य में भी महत्वपूर्ण संस्थानों की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को चुनौती दे सकती हैं? फिलहाल, सभी की नजरें इस जांच के नतीजों पर टिकी हैं।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »