नई दिल्ली, 23 जून 2025: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक सनसनीखेज ऑपरेशन में दिल्ली हवाई अड्डे के लिए जाने वाले एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गैंग पिछले तीन साल से टैंकरों से ईंधन चुराकर उसे मिनरल टर्पेन्टाइन ऑयल (एमटीओ) के रूप में खुले बाजार में बेच रहा था, जिससे सरकारी खजाने को हर महीने 1.62 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लग रहा था।
पुलिस को रविवार को मिली गुप्त सूचना के आधार पर इस रैकेट का भंडाफोड़ हुआ। स्पेशल सेल ने छह लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि दो अन्य को हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में गोदाम मालिक, टैंकर ड्राइवर और ट्रांसपोर्टर शामिल हैं, जिन्होंने मिलकर इस अवैध धंधे को अंजाम दिया। पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह रोजाना करीब 5,000 लीटर ईंधन चुराता था।
ऐसे रचते थे चोरी का खेल
पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने बताया कि एटीएफ को हरियाणा के बहादुरगढ़ में एचपीसीएल के असाउधा डिपो से दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे तक पहुंचाया जाता था। लेकिन टैंकर ड्राइवर, ट्रांसपोर्टर और गोदाम मालिक की साठगांठ से जीपीएस ट्रैकिंग डेटा में हेरफेर कर टैंकरों को मुंडका के एक गुप्त ठिकाने पर ले जाया जाता था। वहां नकली मास्टर चाबियों से टैंकरों के सुरक्षा लॉक खोले जाते और चुराए गए ईंधन को बैरलों में भरकर एमटीओ के रूप में बेचा जाता, जो स्याही और पेंट उद्योग में इस्तेमाल होता है। जाली डिप रॉड की मदद से डिलीवरी रीडिंग को भी सही दिखाया जाता था।
छापेमारी में क्या-क्या बरामद?
स्पेशल सेल ने छापेमारी के दौरान 24,000 लीटर एटीएफ से भरे तीन टैंकर, दो पिकअप ट्रक, 1.05 लाख रुपये नकद, छह डिप रॉड (जाली सहित), साइफनिंग उपकरण, नौ खाली ड्रम और तीन नकली मास्टर चाबियां बरामद कीं। जब्त सामान को दस्तावेजीकरण के बाद तेल कंपनी को सौंप दिया गया है।
कौन-कौन पकड़ा गया?
गिरफ्तार आरोपियों में गोदाम मालिक और पूर्व टैंकर ड्राइवर गया प्रसाद यादव (43) शामिल है, जो चुराए गए ईंधन को 30 रुपये प्रति लीटर में खरीदकर 50 रुपये प्रति लीटर में बेचता था। राजकुमार चौधरी (53) चुराए गए ईंधन को 43-50 रुपये प्रति लीटर में बेचता था। ट्रांसपोर्टर अशपाल सिंह भुल्लर (53) आठ टैंकरों का मालिक है, जिनमें से तीन जब्त किए गए। तीन ड्राइवर—राम भरोसे यादव (44), अंजय रॉय (41) और सुबोध कुमार यादव (32)—को भी पकड़ा गया, जिन्हें प्रति चक्कर 1,500 रुपये मिलते थे। हिरासत में लिए गए दो सहायकों, प्रवीण कुमार यादव (25) और प्रवीण कुमार यादव (19), को 700 रुपये प्रति चक्कर दिए जाते थे।
कानूनी कार्रवाई और जांच
पुलिस ने क्राइम ब्रांच थाने में भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। डीसीपी गौतम ने कहा, “यह एक संगठित गिरोह था, जो सुनियोजित तरीके से चोरी को अंजाम दे रहा था। जांच जारी है और अन्य संलिप्त लोगों की तलाश की जा रही है।”
यह खुलासा दिल्ली पुलिस की सतर्कता और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का एक और उदाहरण है। इस मामले ने हवाई अड्डों की आपूर्ति श्रृंखला में सुरक्षा के नए सवाल भी खड़े कर दिए हैं।