वाराणसी, 20 अप्रैल 2025, शनिवार। वाराणसी के चितईपुर थाने में शनिवार की रात एक महिला ने अपने अधिवक्ता पर दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगाकर तहरीर दी, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया। इस घटना ने न केवल स्थानीय पुलिस को सकते में डाल दिया, बल्कि अधिवक्ताओं के एक बड़े समूह को भी थाने तक खींच लाया, जिन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए जमकर हंगामा किया। देर रात तक चले इस ड्रामे के बाद पुलिस ने अधिवक्ता के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया, लेकिन जांच के बाद ही कार्रवाई का आश्वासन दिया।
महिला का आरोप, अधिवक्ता का इनकार
सुसुवाही क्षेत्र की 42 वर्षीय विधवा महिला, जिसके पति की मृत्यु हो चुकी है और दो बालिग बेटियां हैं, ने चेतगंज निवासी 35 वर्षीय अधिवक्ता अनिल कुमार पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। महिला के मुताबिक, अनिल उनके अदालत में लंबित मुकदमों की पैरवी करते हैं और इस कारण उनके घर आना-जाना था। शनिवार को जब अनिल उनके घर आए, तो उन्होंने कथित तौर पर दुष्कर्म किया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने अधिवक्ता को थाने लाया, लेकिन इसकी भनक लगते ही अधिवक्ताओं का हुजूम थाने पहुंच गया।
थाने में हंगामा, पुलिस की समझाइश
अधिवक्ताओं ने महिला के आरोपों को निराधार बताते हुए पुलिस की कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया। उनका कहना था कि महिला एक लड़कों का हॉस्टल चलाती है और दो बालिग बेटियों के साथ रहती है। ऐसे में उनके घर में घुसकर दुष्कर्म जैसी घटना संभव ही नहीं है। गहमागहमी के बीच लंका थानाध्यक्ष और एसीपी भेलूपुर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने आक्रोशित अधिवक्ताओं को समझा-बुझाकर शांत किया और निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया। इसके बाद अनिल कुमार को घर जाने की अनुमति दी गई।
पुलिस की कार्रवाई और जांच का इंतजार
एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी ने बताया कि महिला की तहरीर के आधार पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। पुलिस इस मामले में सावधानी बरत रही है, क्योंकि यह एक संवेदनशील और विवादास्पद मुद्दा है।
अधिवक्ता का पलटवार: “आरोप झूठे, शादी रोकने की साजिश”
अधिवक्ता अनिल कुमार ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे साजिश करार दिया। उनका दावा है कि महिला ने पहले भी कई लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए हैं, जिनकी पैरवी वे ही कर रहे हैं। अनिल ने बताया कि उनकी शादी जल्द होने वाली है, और महिला उनकी शादी में बाधा डालने के लिए यह आरोप लगा रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि महिला ने उन्हें अपने घर बुलाकर बाथरूम में बंद किया और पुलिस को सूचना दी। इसके जवाब में अनिल ने महिला के खिलाफ बंधक बनाने, लूट, रंगदारी और एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस में तहरीर दी है।
क्या है सच?
यह मामला अब जांच के दायरे में है, और पुलिस के सामने दोनों पक्षों के दावों की सत्यता परखने की चुनौती है। एक ओर महिला का गंभीर आरोप है, तो दूसरी ओर अधिवक्ता का साजिश का दावा। इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय में हलचल मचा दी है, बल्कि यह सवाल भी उठा रहा है कि सच का पर्दाफाश कब और कैसे होगा। फिलहाल, सभी की निगाहें पुलिस जांच पर टिकी हैं, जो इस उलझे मामले का कोई ठोस निष्कर्ष निकालेगी।