N/A
Total Visitor
33.1 C
Delhi
Monday, June 23, 2025

राजोरी मुठभेड़ में बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों को LG-डीजीपी समेत उच्च अधिकारियों ने दी श्रद्धांजलि

राजोरी के बाजीमाल में हुई मुठभेड़ के दौरान बलिदान हुए सेना के दो कप्तान समेत पांच बलिदानियों को शुक्रवार को जम्मू के सैन्य अस्पताल में नम आंखों से श्रद्धांजलि दी गई। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रदेश पुलिस के डीजीपी आरआर स्वैन, उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, मुख्य सचिव डॉ. एके मेहता सहित थल सेना और वायु सेना के उच्च अधिकारियों ने बहादुर सैनिकों को उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए नमन किया। 

यूपी के दो, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर व कर्नाटक के एक-एक जवान बलिदान

राजोरी मुठभेड़ में बलिदानी होने वालों में दो उत्तर प्रदेश, एक उत्तराखंड, एक जम्मू कश्मीर व एक कर्नाटक के जवान हैं। इनमें 63 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन एमवी प्रांजल (मंगलोर, कर्नाटक), 9 पैरा के कैप्टन शुभम गुप्ता (आगरा), 9 पैरा के हवलदार कमांडो अब्दुल माजिद (अजोट, पुंछ), लांसनायक संजय बिष्ट (हल्ली पादली, नैनीताल उत्तराखंड) व पैराट्रूपर सचिन लौर (अलीगढ़, उत्तर प्रदेश) बलिदान हुए।

कैप्टन एमवी प्रांजल, कैप्टन शुभम गुप्ता, लांसनायक संजय बिष्ट व पैराट्रूपर सचिन लौर के पार्थिव शरीर को जम्मू में अंतिम स्लामी दी। यहां से बलिदानियों के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव के लिए रवाना किया जाएगा। वहीं, 9 पैरा के हवलदार कमांडो अब्दुल माजिद के पार्थिव शरीर को पुंछ में सेना के उच्च अधिकारियों ने अंतिम स्लामी दी।

कैप्टन एमवी प्रांजल, कैप्टन शुभम गुप्ता, लांसनायक संजय बिष्ट व पैराट्रूपर सचिन लौर के पार्थिव शरीर को जम्मू में अंतिम स्लामी दी। यहां से बलिदानियों के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव के लिए रवाना किया जाएगा। वहीं, 9 पैरा के हवलदार कमांडो अब्दुल माजिद के पार्थिव शरीर को पुंछ में सेना के उच्च अधिकारियों ने अंतिम स्लामी दी।

राजोरी में 28 घंटे से अधिक चली मुठभेड़ में सेना के पांच जवानों की शहादत के बाद पाकिस्तान के दुर्दांत आतंकी कारी समेत दो दहशतगर्दों को मार गिराया गया है। इस बीच मुठभेड़ में घायल एक अन्य जवान वीरवार को बलिदान हो गया। इस प्रकार मुठभेड़ में दो कैप्टन समेत पांच जवानों ने बलिदान दिया। बुधवार को मुठभेड़ के दौरान दो कैप्टन समेत चार बलिदान हो गए थे। इलाके में फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है।

कारी लश्कर-ए-ताइबा से जुड़ा हुआ प्रशिक्षित आतंकी था। संगठन के कमांडर रहे कारी को पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान दोनों मोर्चों पर प्रशिक्षण दिलाया गया था। वह आईईडी एक्सपर्ट होने के साथ ही प्रशिक्षित स्नाइपर भी था। उसे गुफा में छिपने तथा वहां से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में महारत हासिल थी। वह पिछले एक साल से ग्रुप के साथ राजोरी-पुंछ इलाके में सक्रिय था। वह ढांगरी तथा कंडी हमले का मास्टरमाइंड भी था। उसे राजोरी-पुंछ और आसपास के इलाकों में आतंकवाद को दोबारा जिंदा करने की जिम्मेदारी देकर पाकिस्तान की ओर से भेजा गया था। ढांगरी में नए साल के पहले दिन आतंकियों के हमले में सात नागरिकों की मौत हो गई थी।

बुधवार को राजोरी जिले के कालाकोट के बाजीमाल इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी की। जब जवान आतंकियों के ठिकाने की ओर बढ़ रहे थे तो घात लगाए आतंकियों ने जोरदार फायरिंग शुरू कर दी। शुरुआती फायरिंग में मेजर, दो कैप्टन, हवलदार समेत छह लोग घायल हो गए। बुधवार को ही दो कैप्टन समेत चार जवान बलिदान हो गए।

मेजर समेत दो जवानों का इलाज चल रहा था, लेकिन वीरवार को एक और पैरा कमांडो ने दम तोड़ दिया। इस प्रकार इस ऑपरेशन में पांच जवान बलिदान हो गए। इससे पहले वीरवार को दोबारा आठ बजे घिरे आतंकियों को मार गिराने के लिए दोबारा ऑपरेशन शुरू किया गया। एक के बाद एक दोनों आतंकियों को मार गिराया गया। पूरे इलाके में अब भी सर्च ऑपरेशन जारी है ताकि आतंकियों की ओर से छिपाई गई किसी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री न मौजूद हो।

आतंकियों की मौजूदगी पर स्पेशल फोर्स को लगाया गया था

इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर सेना, पुलिस के साथ ही स्पशेल फोर्स को भी लगाया गया था। 16 कोर तथा राष्ट्रीय राइफल्स के रोमियो फोर्स कमांडर पूरी ऑपरेशन पर पैनी निगाह रखे हुए थे। व्हाइट नाइट कोर के अनुसार ऑपरेशन के दौरान महिलाओं व अन्य लोगों की जान बचाते हुए पूरे मामले को अंजाम दिया गया।

अंधेरा होने के कारण नौ घंटे तक बंद रही थी गोलीबारी

राजोरी जिले की कालाकोट सब डिवीजन के धर्मसाल पुलिस थाने के तहत पड़ने वाले बाजीमाल इलाके में आतंकियों के साथ बुधवार को शुरू हुई मुठभेड़ वीरवार दूसरे दिन भी जारी रही। बुधवार सुबह 10 बजे शुरु हुई मुठभेड़ रात सात बजे तक जारी रही। अंधेरा होने के कारण नौ घंटे बाद गोलीबारी बंद कर दी गई लेकिन सुरक्षाबलों ने दोनों दहशतगर्दों को घेरा डाल रखा था। वीरवार सुबह करीब 8 बजे से फिर से फायरिंग शुरू हुई और दोपहर बाद दो आतंकियों को मार गिराने में सफलता मिली।

राजोरी-पुंछ में इस साल 22 आतंकी ढेर, 14 जवानों व सात नागरिकों की गई जान

राजोरी में यह मुठभेड़ 17 नवंबर को बुद्धल क्षेत्र के बेहरोट में हुई एक अन्य मुठभेड़ के ठीक बाद हुई है, जिसमें एक आतंकवादी मारा गया था। इससे पहले क्रमशः 20 अप्रैल और 5 मई को पुंछ के मेंढर इलाके और राजोरी के कंडी जंगल में घात लगाकर किए गए हमलों में 10 सैनिकों की जान चली गई थी। 

अधिकारियों के मुताबिक, इस साल जनवरी से अब तक सीमावर्ती जिलों राजोरी और पुंछ और पास के रियासी जिले में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में 46 मौतें दर्ज की गई हैं। राजोरी में सात आतंकवादियों और नौ सुरक्षाकर्मियों सहित 23 लोग मारे गए, जबकि पुंछ जिले में 15 आतंकवादी और पांच सुरक्षाकर्मी मारे गए। रियासी जिले में तीन आतंकी मारे गए।

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »