नई दिल्ली | पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना के बाद कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। भारतीय रेलवे ने भी इस संकट के समय अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए पर्यटकों को निकलने के लिए विशेष ट्रेनें चला रहा हैं । पर्यटन को उनके गंतव्य स्थल तक पहुँचने के लिए श्रीमाता वैष्णव देवी रेलवे स्टेशन से लगातार ट्रेनें चल रही हैं ।
पर्यटकों को निकालने में नादर्न रेलवे की कई पहल
आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में पर्यटकों के बीच डर का माहौल है। बड़ी संख्या में सैलानी घाटी छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर लौट रहे हैं। इस स्थिति में भारतीय रेलवे ने फंसे हुए लोगों की मदद के लिए त्वरित कदम उठाए हैं। नॉर्दर्न रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने स्वदेश को बताया कि रेलवे ने श्री माता वैष्णो देवी कटरा से नई दिल्ली के लिए विशेष ट्रेनें शुरू की हैं।
पहली विशेष ट्रेन (04612) बुधवार रात 9:20 बजे कटरा से रवाना हुई और गुरुवार सुबह 9:30 बजे नई दिल्ली पहुंची। यह ट्रेन उधमपुर, जम्मू तवी, पठानकोट, जालंधर, अंबाला, कुरुक्षेत्र और पानीपत जैसे स्टेशनों से होकर गुजरी। गुरुवार को एक और विशेष ट्रेन (04614) दोपहर 1:30 बजे कटरा से दिल्ली के लिए रवाना हुई, जो उधमपुर और जम्मू स्टेशनों पर रुकती है। इस ट्रेन में अभी भी 1150 बर्थ खाली हैं, जिससे और अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा सके।
रेलवे ने इन विशेष ट्रेनों को यात्रियों की सुविधा के लिए पूरी तरह तैयार किया है। प्रत्येक ट्रेन में सात सामान्य डिब्बे, आठ स्लीपर कोच, दो तृतीय एसी कोच, एक थर्ड एसी इकोनॉमी कोच और दो लगेज-वैन कोच शामिल हैं। हिमांशु शेखर ने बताया कि भीड़ को देखते हुए रेलवे और ट्रेनें चलाने के लिए तैयार है। बुधवार को भी दो विशेष अनारक्षित ट्रेनें चलाई गई थीं, जो पर्यटकों की भारी भीड़ को संभालने में मददगार साबित हुईं।
स्टेशनों पर हेल्प डेस्क और चिकित्सा सुविधाएं
हिमांशु शेखर ने बताया कि रेलवे ने यात्रियों की सहायता के लिए स्टेशनों पर हेल्प डेस्क की सुविधा बढ़ा दी है। यहां यात्री ट्रेनों के समय और रूट की जानकारी ले सकते हैं। साथ कई हेल्पलाइन नंबर भी जाती कर दिए गए हैं जिन ओर कोई भी पर्यटक जिनके पास टिकट नहीं हो भी हो वो जानकारी लेकर यात्रा कर सकते हैं । साथ ही, आतंकी हमले के कारण घबराए यात्रियों के लिए रेलवे अस्पतालों और एंबुलेंस को अलर्ट मोड में रखा गया है। स्टेशन पर किसी भी यात्री को परेशानी होने पर तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
रेलवे की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी
हिमांशु शेखर ने कहा, “रेलवे का मकसद फंसे हुए लोगों को सुरक्षित उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाना है। हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और जरूरत पड़ने पर और विशेष ट्रेनें चलाएंगे।” रेलवे की यह पहल न केवल यात्रियों के लिए राहत लेकर आई है, बल्कि संकट के समय में एकजुटता और मानवता का भी प्रतीक बन गई है। कश्मीर घाटी में हालात सामान्य होने तक रेलवे और सुरक्षा बल पूरी तरह मुस्तैद हैं। नादर्न रेलवे अपने जम्मू डिवीज़न के माध्यम से सभी को यथा संभव सुविधा और जरूरत के समान उपलब्ध करवा रहा है । पर्यटकों से अपील की जा रही है कि वे घबराएं नहीं और रेलवे की सुविधाओं का लाभ उठाकर सुरक्षित अपने घर लौटें।