नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2025, शनिवार। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव और हाल के आतंकी हमलों के मद्देनजर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। यह एडवाइजरी मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में जिम्मेदार और संवेदनशील कवरेज की अपील करती है। खास तौर पर, मंत्रालय ने रक्षा अभियानों, सुरक्षा बलों की आवाजाही और आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों से जुड़े लाइव कवरेज पर सख्ती से रोक लगाने की सलाह दी है।
क्यों जरूरी है यह एडवाइजरी?
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या ने जनता में आक्रोश पैदा किया है। इस बीच, पाकिस्तान द्वारा सीमा पर शांति नियमों का लगातार उल्लंघन, सैन्य बलों की तैनाती और युद्धक विमानों को अलर्ट पर रखने जैसे कदमों ने स्थिति को और संवेदनशील बना दिया है। भारत भी जवाबी कार्रवाई की तैयारियों में जुटा है, जैसा कि भारतीय नौसेना के युद्धपोतों की तस्वीर और “हम तैयार हैं” के संदेश से जाहिर होता है।
ऐसे में, रक्षा अभियानों की गोपनीयता और सुरक्षा बलों की रणनीति को बनाए रखना बेहद जरूरी है। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि लाइव कवरेज या संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा दुश्मन ताकतों को फायदा पहुंचा सकता है, जिससे हमारे जवानों की जान और ऑपरेशन की सफलता खतरे में पड़ सकती है।
अतीत की सीख
इतिहास इस बात का गवाह है कि गैर-जिम्मेदाराना कवरेज राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचा सकता है। कारगिल युद्ध, 26/11 मुंबई हमले और कंधार अपहरण जैसी घटनाओं में अप्रतिबंधित मीडिया कवरेज ने अनजाने में शत्रु को फायदा पहुंचाया और सुरक्षा बलों के लिए चुनौतियां बढ़ाईं। इन घटनाओं से सबक लेते हुए मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी
मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1)(पी) का हवाला देते हुए सभी टीवी चैनलों को आतंकवाद विरोधी अभियानों का लाइव प्रसारण न करने की हिदायत दी है। इस नियम के मुताबिक, ऐसे अभियानों का कवरेज तब तक सरकार द्वारा नामित अधिकारी की आधिकारिक ब्रीफिंग तक सीमित रहना चाहिए, जब तक ऑपरेशन पूरा न हो जाए। नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है।
इसके अलावा, मंत्रालय ने मीडिया और नागरिकों से नैतिक जिम्मेदारी निभाने की अपील की है। यह एक साझा दायित्व है कि हमारी कोई भी कार्रवाई सुरक्षा बलों के अभियानों या उनकी सुरक्षा को खतरे में न डाले।
राष्ट्र की सेवा में एकजुटता
मंत्रालय ने सभी हितधारकों से आग्रह किया है कि वे कवरेज में सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बरतें। यह न केवल कानूनी बल्कि एक नैतिक कर्तव्य भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई का ऐलान किया है, जिसे वैश्विक स्तर पर एक मिसाल बनाना है। ऐसे में, मीडिया और नागरिकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
सीमा पर हमारे जवान देश की रक्षा के लिए दिन-रात जुटे हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी सुरक्षा और उनके अभियानों की गोपनीयता को प्राथमिकता दें। सूचना मंत्रालय की यह एडवाइजरी एक स्मरण है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हम सभी को एकजुट होकर जिम्मेदारी निभानी होगी।