अमरावती, 16 नवंबर 2024, शनिवार। आंध्र प्रदेश के अमरावती में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बैग और हेलीकॉप्टर की जांच की, जिससे विपक्षी दलों में आक्रोश फैल गया है। महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह जांच विवादित हो गई है।
राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर की तलाशी लेते अधिकारियों का वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पार्टी नेताओं के साथ बातचीत करते दिख रहे हैं। इस जांच को लेकर विपक्षी दलों के नेता चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं और इसे राजनीतिक द्वेष का आरोप लगा रहे हैं।
इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह जांच अनावश्यक और राजनीतिक प्रेरित है। पार्टी ने चुनाव आयोग से इसकी जांच कराने की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके। इस बीच, चुनाव आयोग ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह जांच चुनाव आचार संहिता के तहत की गई है और इसमें कुछ भी अनहोनी नहीं हुई है। आयोग ने कहा है कि वह चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
विपक्ष ने दागे सवाल
चुनाव आयोग के हाल के ऐक्शन पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने एक वीडियो साझा कर पूछा है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेताओं की भी इसी तरह जांच हो सकती है। इस पर भाजपा नेताओं ने आयोग के कदम का बचाव किया और इसे स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के लिए जरूरी बताया है।
चुनाव आयोग ने हाल ही में अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और अन्य एनडीए नेताओं के बैगों की जांच की है, जिससे यह साबित होता है कि आयोग की कार्रवाई पूरी तरह से स्वतंत्र है। आयोग का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो।
राहुल गांधी का रोका गया हेलीकॉप्टर
इससे पहले, कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी कि झारखंड में राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने से रोका गया, जिससे उनकी जनसभाओं में देरी या रद्द हुई। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को प्रतिबंधों के कारण उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई। इस मामले में कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह कांग्रेस को चुनावों में समान अवसर नहीं मिलने दे रही। उन्होंने कहा कि यह सरकार की ओर से कांग्रेस के खिलाफ भेदभावपूर्ण रवैया है।
यह घटना झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हुई है, जहां कांग्रेस और भाजपा जैसे प्रमुख दल चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है ताकि चुनाव प्रचार में समान अवसर सुनिश्चित किए जा सकें।