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Friday, April 19, 2024

सत्यपाल मलिक ने अपने बयान पर दी सफाई

केंद्र सरकार की अक्सर आलोचना पर सुर्खियां बटोरने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अब दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के मुद्दे पर अहंकार में थे। इस दावे को लेकर मलिक का एक वीडियो वायरल है। माना जा रहा है कि मलिक का यह वीडियो हरियाणा के चरखी दादरी के कार्यक्रम का है।

मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात को लेकर अपनी विवादित टिप्पणी को लेकर सोमवार को सफाई पेश की। उनका एक वीडियो कांग्रेस ने शेयर किया था जिसमें वह कहते नजर आ रहे हैं, जब मैं किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी से मिलने गया तो वह जिद पर अड़े रहे और पांच मिनट के भीतर ही उनसे मेरी लड़ाई हो गई।

एनडीटीवी से बात करते हुए मलिक ने स्पष्ट किया कि अमित शाह मोदी जी का बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि लोग प्रधानमंत्री को गुमराह करते हैं। एक दिन पीएम इसे (तीन कानूनों के साथ किसानों के विवाद) को समझेंगे। उन्होंने कहा, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि अमित शाह ने गलत इरादे से प्रधानमंत्री के बारे में कुछ नहीं कहा था। उन्होंने मुझे केवल इतना कहा था कि मेरी चिंताओं को समझा जाएगा।

मलिक ने वीडियो में दावा किया कि मोदी यह मानने को तैयार नहीं थे कि पिछले साल केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की मौत उनकी वजह से हुई और इसके बजाय उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए कहा। मलिक को वीडियो क्लिप में यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि जब वह शाह से मिले तो उनसे कहा कि लोगों ने उनके (मोदी की) विजन को धूमिल कर दिया है और मुझे प्रधान मंत्री से मिलते रहना चाहिए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर वीडियो के संदर्भ में प्रधानमंत्री से सवाल किया है कि मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ऑन रिकॉर्ड कह रहे हैं कि पीएम किसानों के मुद्दे पर अहंकारी थे। संवैधानिक अधिकारी एक-दूसरे के बारे में ऐसी अवमानना के साथ बोल रहे हैं, नरेंद्र मोदी जी, क्या यह सच है?

वहीं, नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मलिक ने ट्विटर पर लिखा, यह शख्स जम्मू-कश्मीर में उन्हीं की कुटिताओं को लागू कर रहा था। अब जिसने खिलाया, उसी हाथ को काट लिया है, जम्मू-कश्मीर के लोग मलिक की अविश्वसनीयता को प्रमाणित कर सकते हैं। 2019 में मलिक जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल थे। इसके बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया।

 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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