बक्सर, 24 मई 2025, शनिवार। बिहार के बक्सर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गांव में शनिवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। बालू और गिट्टी के कारोबार को लेकर हुए मामूली विवाद ने इतना भयावह रूप ले लिया कि हथियारबंद अपराधियों ने एक ही परिवार के तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस खूनी खेल ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे गांव में तनाव और आक्रोश की लहर दौड़ा दी।
विवाद की जड़: बालू और गिट्टी
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को अहियापुर निवासी विनोद यादव और सुनील यादव का गांव के ही कुछ लोगों के साथ बालू और गिट्टी के कारोबार को लेकर तीखी नोकझोंक हुई थी। यह विवाद इतना बढ़ गया कि शनिवार तड़के नहर के पास हथियारबंद अपराधियों ने विनोद और सुनील के परिवार को निशाना बनाया। हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें कई राउंड गोलियां चलीं। इस अंधाधुंध गोलीबारी में विनोद, सुनील और वीरेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई। दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद वाराणसी रेफर किया गया है।
गांव में सनसनी, सड़कों पर आक्रोश
इस भयानक वारदात ने अहियापुर और आसपास के इलाकों में सनसनी मचा दी। तीन हत्याओं की खबर फैलते ही गांव में तनाव का माहौल बन गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया। लोग अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गई। पुलिस ने अपराधियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी शुरू कर दी है और मामले की गहन जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में बालू और गिट्टी के अवैध कारोबार से जुड़े पुराने विवाद की बात सामने आ रही है, जो इस हत्याकांड का कारण बना।
बालू माफिया का खौफ
बक्सर और आसपास के क्षेत्रों में बालू और गिट्टी का कारोबार लंबे समय से विवादों का केंद्र रहा है। अवैध खनन और इसके कारोबार को लेकर अक्सर आपसी रंजिश और हिंसक झड़पों की खबरें सामने आती रहती हैं। यह घटना भी इस बात का सबूत है कि बालू माफिया का खौफ कितना गहरा है, जो छोटे-छोटे विवादों को खून-खराबे में बदल देता है।
सवालों के घेरे में कानून-व्यवस्था
इस त्रासदी ने एक बार फिर बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का गुस्सा और सड़क जाम इस बात का संकेत है कि लोग अब इस तरह की घटनाओं से तंग आ चुके हैं। पुलिस के सामने चुनौती है कि वह अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़े और इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाए।