मुंबई, 3 अगस्त 2025: शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सनातन धर्म को लेकर एक बेहद शर्मनाक और विवादित बयान देकर महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मचा दी है। पत्रकारों से बातचीत में आव्हाड ने सनातन धर्म को भारत के पतन का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “सनातन धर्म जैसी कोई चीज कभी थी ही नहीं। हम हिंदू धर्म के अनुयायी हैं।” उनके इस बयान ने सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दे दिया है।
आव्हाड ने सनातन धर्म को हिंदू धर्म से अलग बताते हुए छत्रपति शिवाजी, संभाजी, ज्योतिराव फुले, सावित्रीबाई फुले, शाहू महाराज और डॉ. बी.आर. आंबेडकर के खिलाफ सनातन धर्म की भूमिका की कड़ी आलोचना की। उन्होंने दावा किया, “इसी सनातन धर्म ने छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक को रोकने की साजिश रची, संभाजी महाराज को बदनाम किया, ज्योतिराव फुले की हत्या की कोशिश की, सावित्रीबाई फुले पर गंदगी फेंकी, शाहू महाराज के खिलाफ षड्यंत्र रचा और बाबासाहेब आंबेडकर को पानी पीने और स्कूल जाने से रोका।”
मनुस्मृति पर साधा निशाना
आव्हाड ने मनुस्मृति को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “बाबासाहेब आंबेडकर ने सनातन धर्म की दमनकारी परंपराओं के खिलाफ विद्रोह किया और मनुस्मृति को जलाया। यह सनातनी विचारधारा विकृत है और भारत के पतन का एक बड़ा कारण रही है।”
पहले भी रहे हैं विवादों में
यह पहली बार नहीं है जब जितेंद्र आव्हाड के बयानों ने बवाल मचाया हो। इससे पहले भी वे सनातन धर्म को रूढ़िवादी परंपराओं का समर्थक बताकर विवादों में घिर चुके हैं। उनके ताजा बयान को सनातन धर्म के खिलाफ हमला मानते हुए कई संगठन और नेता तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी #SanatanDharma और #JitendraAwhad ट्रेंड करने लगे हैं, जहां लोग उनके बयान की निंदा और समर्थन में बंटे नजर आ रहे हैं।
आगे क्या?
आव्हाड का यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में नया तूफान खड़ा कर सकता है। बीजेपी और अन्य हिंदूवादी संगठनों की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया की संभावना है, जबकि NCP-SP के नेता इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। क्या यह बयान आगामी चुनावों में सियासी समीकरण बदलेगा? यह देखना बाकी है।