लखनऊ, 1 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सभी राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों की चल अचल संपत्ति का ब्योरा मांगा है जिसकी मियाद सोमवार को समाप्त हो गई। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के 95 फीसदी राज्य कर्मचारियों ने मानव संपदा पोर्टल पर अपनी संपत्ति का खुलासा कर दिया है। इनमें पुलिस, लोक निर्माण और कृषि विभाग के कर्मचारी सबसे आगे रहे। जिन कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया उनके सितंबर माह का वेतन रोक दिया जाएगा।
बताया जा रहा है, सूबे के 40 हजार कर्मियों ने संपत्ति का विवरण नहीं दिया है। वहीं, 99.45% पुलिसकर्मियों ने अपनी संपत्ति की जानकारी दे दी है। दूसरे नंबर पर लोक निर्माण विभाग है। यहां 98% कर्मचारियों का विवरण भरा जा चुका है। चिकित्सा विभाग ने 84%, राजस्व विभाग ने 83%, जल शक्ति ने 94%, कृषि विभाग 99%, आयुष विभाग में 95%, पंचायती राज विभाग ने 98%, माध्यमिक शिक्षा ने 93%, पशुधन विभाग ने 98%, उद्योग विभाग में 79%, तकनीकी शिक्षा ने 76%, चिकित्सा विभाग ने 97% और नगर विकास विभाग ने 63% का आंकड़ा पूरा कर लिया है।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के जिन भी कर्मचारियों ने अपने चल-अचल संपत्ति का विवरण नहीं दिया है। उनको सितंबर माह का वेतन नहीं दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त उनके प्रभारी पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही भविष्य में यह जांच भी होगी कि उन्होंने अपनी संपत्ति की जानकारी क्यों नहीं साझा की। दरअसल योगी सरकार ने भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए आईएएस व पीसीएस अफसरों की तरह सभी विभागों के कर्मियों को संपत्तियों का ब्यौरा देना जरूरी कर दिया है। जिसकी अंतिम तारीख 30 सितंबर की रात 12 बजे तक रखी गई थी। ये अवधि अब ख़त्म हो चुकी है। इस अवधि में अब तक ऑनलाइन न करने वाले कर्मियों का वेतन रोक दिया जाएगा।