नई दिल्ली, 8 अगस्त 2025: बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान और उनके परिवार को पैतृक संपत्ति विवाद में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल रियासत के अंतिम नवाब हमीदुल्ला खान की संपत्ति से जुड़े मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश को खारिज किया था, जिसमें सैफ, उनकी मां शर्मिला टैगोर और बहनों सोहा व सबा को संपत्ति का उत्तराधिकारी माना गया था।
जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस अतुल चंदुरकर की खंडपीठ ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली सैफ अली खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया और मामले की नए सिरे से सुनवाई के हाई कोर्ट के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी।
15 हजार करोड़ की संपत्ति का है विवाद
पटौदी परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मध्य प्रदेश में करीब 15 हजार करोड़ रुपये की शाही संपत्तियों पर अपना हक बहाल करने की मांग की है। निचली अदालत ने सैफ, शर्मिला टैगोर और उनकी बहनों को इन संपत्तियों का मालिक माना था, लेकिन हाई कोर्ट ने जुलाई 2025 में इस फैसले को पलटते हुए मामले को फिर से सुनवाई के लिए ट्रायल कोर्ट को भेजा था और एक साल में निपटारे का निर्देश दिया था।
क्या है विवाद की जड़?
यह पूरा मामला भोपाल रियासत के अंतिम नवाब हमीदुल्ला खान की संपत्ति से जुड़ा है। उनकी तीन बेटियों में से एक, साजिदा सुल्तान ने इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी की थी, जिनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी, पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान, ने शर्मिला टैगोर से विवाह किया। नवाब की सबसे बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान के पाकिस्तान चले जाने के बाद साजिदा को संपत्ति की मालकिन माना गया।
मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत बंटवारे की मांग
संपत्ति को लेकर दो अपीलें दायर की गई थीं, एक बेगम सुरैया राशिद और दूसरी नवाब मेहर ताज साजिद सुल्तान की ओर से। अपीलकर्ताओं का कहना है कि निचली अदालत का फैसला अनुचित था और संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अब मामले में नया मोड़ आ गया है, और सभी की नजरें आगे की सुनवाई पर टिकी हैं।