वाराणसी, 30 सितंबर। काशी में प्रकांड विद्वानों की नाराजगी का असर देखने को मिला। यहां बड़ा गणेश मंदिर से साईं बाबा की प्रतिमा हटा दी गई है। केंद्रीय ब्राह्मण महासभा के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि गणेश मंदिर में साईं का क्या काम? उसके बाद उन्होंने मंदिर के पुजारी को फटकार लगाई। इसके बाद लोहटिया स्थित बड़ा गणेश मंदिर से सांई बाबा की मूर्ति को सर्वसम्मति के बाद हटा दिया गया है। सांई बाबा की मूर्ती पर विवाद के बाद धीरे-धीरे शहर के अन्य मंदिरों से सांई मूर्ति हटाने के बात हो रही है।
पंडित अजय शर्मा ने कहा कि आस्थावान सनातनधर्मियों को उनके मूल से अलग करने के लिए साजिशकर्ताओं ने चांद मियां को साईं बाबा बनाकर प्रचारित-प्रसारित किया। उन्होंने बनारस के अन्य मंदिर के महंत और सेवईतों से अनुरोध किया कि मंदिर परिसर से साईं की मूर्ति को स्वयं ससम्मान बाहर कर दें। सनातन धर्म के वैदिक विधान इसकी आज्ञा बिल्कुल नहीं देते हैं।
अजय शर्मा ने कहा कि किसी भी देवालय में मृत मनुष्यों की मूर्ति स्थापित करके उसकी पूजा नहीं करनी चाहिए। हिंदू धर्म में पंच देव सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति एवं गणपति के अलावा उनके स्वरूपों का ही विग्रह बनाया जा सकता है। मनुष्य के रूप में अपने गुरु या माता-पिता की पूजा ही कर सकते हैं, किंतु वह भी व्यक्तिगत होती है। ऐसे में मंदिरों में से जितनी जल्दी हो साईं की मूर्ति बाहर निकाल दें।