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Tuesday, July 8, 2025

रूसी सेना लगातार यूक्रेन पर मिसाइल हमले कर रही, अब तक 137 लोग मारे जा चुके हैं

रूस-यूक्रेन की लड़ाई अब काफी तेज हो गई है। रूसी सेना लगातार यूक्रेन पर मिसाइल हमले कर रही है। इनमें बहुत से लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है कि रूस के हमले में अब तक 137 लोग मारे जा चुके हैं। वहीं एक स्थानीय मीडिया के मुताबिक रूस के द्वारा दागे एक रॉकेट को एक वायु रक्षा प्रणाली द्वारा मार गिराया गया और इसका मलबा कीव के मुख्य रेलवे स्टेशन के पास गिर गया।

खेरसॉन के मेयर इगोर कोल्यखेव के अनुसार, दक्षिणी क्षेत्रीय राजधानी में स्थिति तनावपूर्ण है क्योंकि रूसी सैनिक शहर में प्रवेश कर रहे हैं और प्रशासनिक भवनों पर कब्जा कर रहे हैं। कीव के ड्रूजबी नारोदिव मेट्रो स्टेशन के पास तीसरे और चौथे विस्फोट की आवाज सुनी गई हैं।

रूसी सैनिकों ने यूक्रेन में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर खेरसॉन पर कब्जा कर लिया है, द न्यूयॉर्क टाइम्स ने यूक्रेनी अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है। यूक्रेन के एक मीडिया समूह द कीव इंडिपेंडेंट के अनुसार, खेरसॉन के मेयर इगोर कोल्यखेव ने कहा है कि शहर घिरा हुआ है। कोल्यखेव ने कहा कि दक्षिणी क्षेत्रीय राजधानी में रूसी सैनिकों के शहर में प्रवेश करने और प्रशासनिक भवनों पर कब्जा करने के साथ स्थिति तनावपूर्ण है।

खेरसॉन का पतन लिखते हुए प्रकाशित की गई अपनी रिपोर्ट में न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया है कि क्रीमियन प्रायद्वीप के उत्तर-पश्चिम में 300,000 लोगों का यह शहर महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रूसियों को यूक्रेन के दक्षिणी तट पर अधिक नियंत्रण करने और ओडेसा शहर की ओर पश्चिम को आगे बढ़ाने में मददगार है। बुधवार को जैसे ही यूक्रेन में रहवासी इलाकों में बमबारी तेज हुई, लोगों के हताहत होने की खबरें भी तेजी से सामने आने लगीं।

वहीं संयुक्त राष्ट्र ने संघर्ष में मारे गए आम नागरिकों की संख्या 227 बताई है, साथ ही कहा है कि यह आंकड़ा बढ़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के अभियोजक यूक्रेन में युद्ध अपराधों की ‘सक्रिय जांच’ शुरू करेंगे।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी सरकार ने शुरू में 2,000 से अधिक नागरिकों की मौत की संख्या बताई थी, लेकिन यूक्रेन की आपातकालीन सेवा एजेंसी ने बाद में उस आंकड़े को “अनुमानित” बताते हुए कहा कि यह अज्ञात है कि वास्तव में कितने लोग अभी भी युद्ध की भेंट चढ़े हैं या फिर बमबारी की वजह से मलबे में दबे हैं। अभी कोई सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।

इधर, अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि हमने ऐसी कोई सत्यापित रिपोर्ट नहीं देखी है जिसमें आम नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया गया हो; रूसी आमतौर पर दुष्प्रचार के लिए ऐसी रिपोर्ट का उपयोग करते हैं। यूक्रेन पर आक्रमण और देश के नागरिकों और निवासियों को हिंसा में धकेले जाने की अमेरिका निंदा करता है।

यूरोप यूक्रेनी शरणार्थियों की मदद के लिए कदम बढ़ा रहा है। यूरोपीय संघ (ईयू) ने बुधवार को रूसी हमले से बचकर आ रहे लोगों को अस्थायी सुरक्षा प्रदान करने का प्रस्ताव पेश किया। संघ के सभी देशों में शरणार्थियों को तीन साल तक का अस्थायी निवास परमिट, शिक्षा व रोजगार का अधिकार मिलेगा। हालांकि, बृहस्पतिवार को ईयू देशों के आंतरिक मंत्री प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे, लेकिन इसे पहले ही व्यापक समर्थन मिल चुका है।

ईयू के एक अधिकारी ने बताया, संघ के सदस्य पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और हंगरी के यूक्रेन के साथ जमीनी सीमा है और अब तक साढ़े छह लाख से ज्यादा लोग यूरोप में आ चुके हैं। अगले दिनों में बड़ी तादाद में शरणार्थियों का आना जारी रहेगा, जिसके मद्देनजर ईयू के सभी देश रहने व काम करने की आसान सुविधा देंगे। अधिकारी के मुताबिक, प्रस्ताव अनुमोदित हो जाने के बाद यूक्रेनी शरणार्थी आते ही एक से तीन साल तक के लिए आवेदन कर सकेंगे।

यूरोपीय संघ प्रमुख उरसुला वोन डेर लेयेन ने कहा, जो भी रूसी बमबारी से बचकर यूरोप आ रहे हैं, उनका स्वागत कर रहे हैं। उन्हें सुरक्षित आवास व रोजगार मुहैया कराएंगे। प्रस्ताव का यूक्रेनियों समेत पहले से आए अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी भी लाभ उठा सकेंगे। हालांकि, जो विदेशी यूक्रेन में अल्प प्रवास पर थे और अपने देश सुरक्षित लौट सकते हैं, वे योजना से बाहर रहेंगे।

अमेरिका रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए उसके ऊर्जा और गैस से जुड़े उद्योगों पर भी प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने बुधवार को जानकारी देते हुए कहा, रूस के खिलाफ ऊर्जा प्रतिबंधों पर विचार चल रहा है। फिलहाल इसके प्रभाव का आकलन किया जा रहा है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने यूक्रेन में राहत सामग्री भेजी है। यूक्रेन के लोगों के लिए भेजी गई इस मदद में कंबल, सोने के लिए गद्दे, सोलर स्टडी लैंप शामिल हैं। गृहमंत्रालय के अनुसार, यह राहत सामग्री बुधवार सुबह पोलैंड रवाना हुई एक उड़ान और दोपहर बाद रोमानिया गए भारतीय वायु सेना के विमान से भेजी गई।

 

 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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