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Wednesday, August 6, 2025

भारतीयता के रंग में रंगा रूस, मॉस्को में भारत-मॉस्को उत्सव शुरू

नई दिल्ली, 10 जुलाई 2025: रूस के मॉस्को में भारत-मॉस्को उत्सव 5 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 13 जुलाई तक चलेगा। इस फेस्टिवल में आने वालों को कला से जुड़े मास्टरक्लास, पारंपरिक कला प्रदर्शनों और संगीत-नृत्य कार्यक्रमों के माध्यम से भारतीय संस्कृति को गहराई से समझने का मौका मिल रहा है। मॉस्को सरकार और रूस स्थित भारतीय दूतावास के सहयोग से आयोजित, यह भारत उत्सव भारत की समृद्ध विरासत का जश्न मनाता है और आगंतुकों को इसकी जीवंत परंपराओं का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करता है।

यह फेस्टिवल मॉस्को के रेड स्क्वायर के ठीक सामने, मानेझनाया स्क्वायर स्थित उत्सव स्थल पर आयोजित हो रहा है, जो वर्तमान में रूस के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। यहाँ पारंपरिक भारतीय वास्तुकला और कला का संगम देखने को मिल रहा है। अनुभवी प्रशिक्षक मेले में आने वालों को योग और श्वास क्रिया की शिक्षा दे रहे हैं। साथ ही, पारंपरिक नृत्य की मास्टरक्लास का भी आयोजन हो रहा है। रूसवासियों के लिए इन दिनों भारतीय परंपराओं को समझने के साथ-साथ शास्त्रीय भारतीय नृत्य, संगीत और योग सीखने का अवसर मिल रहा है, जो यह दर्शाता है कि भारतीय ज्ञान शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को कैसे बढ़ावा देता है। मॉस्को भारत फेस्टिवल में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, नागालैंड और अन्य भारतीय राज्यों के कलाकार अपने लोक गीत और नृत्य की प्रस्तुति दे रहे हैं। कार्यक्रम में आधुनिक क्षेत्रीय संगीत के साथ-साथ बॉलीवुड के हिट गीतों का भी समावेश है। वयस्क और बच्चे दोनों ही ‘सिंड्रेला इन इंडिया, अ लव स्टोरी’ जैसे अनोखे प्रदर्शनों का आनंद ले रहे हैं।

फेस्टिवल में दर्शक भारत की पारंपरिक लोक शैलियों जैसे कथक, सिंगरी, भरतनाट्यम और ओडिसी नृत्यों से परिचित हो रहे हैं। साथ ही, बिहार से मैथिली और दक्षिण से तमिल संगीत का भी आनंद ले रहे हैं। महोत्सव के अतिथि इंटरैक्टिव क्विज़ ‘डिस्कवर इंडिया’ में भी उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं।

इसके अतिरिक्त, मानेझनाया स्क्वायर पर विभिन्न क्षेत्रों की भारतीय कला की एक प्रदर्शनी भी है। इस मेले में स्थानीय चीनी मिट्टी की वस्तुएँ, चित्रकारी, पारंपरिक वस्त्र, लकड़ी की नक्काशी और अन्य हस्तशिल्प प्रदर्शित किए गए हैं। यह मेला मॉस्को के लिए एक महत्वपूर्ण भारतीय पर्यटन बाजार बन गया है।

मेले में आने वाली भीड़ को देखकर यह कहा जा सकता है कि मॉस्कोवासियों और शहर के आगंतुकों में भारतीय संस्कृति के प्रति असाधारण रुचि देखने को मिल रही है। यह मेला तब आयोजित हो रहा है, जब VDNKh ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 7,000 प्रतिभागियों की मेजबानी की थी। यह मेला भारत-रूस संबंधों को और मजबूत कर रहा है। इस मेले के माध्यम से रूस की धरती पर भारतीय कलाकार अपने देश की समृद्ध परंपराओं, जीवंत संस्कृति और उत्कृष्ट व्यंजनों को रूस के नागरिकों के साथ साझा कर रहे हैं।

मेले में आने वाले लोगों के उत्साह को देखते हुए मॉस्को सिटी टूरिज्म कमेटी के उपाध्यक्ष बुलट नूरमुखानोव ने कहा, “मॉस्को भारत के साथ न केवल सांस्कृतिक, बल्कि व्यावसायिक संबंधों को भी सक्रिय रूप से मजबूत कर रहा है। अगले सप्ताह, मॉस्को और भारत की प्रमुख कंपनियों के कर्मचारियों सहित आतिथ्य उद्योग के सैकड़ों पेशेवर, मॉस्को में OTOAI सम्मेलन में मिलेंगे। इसका आयोजन एसोसिएशन ऑफ आउटबाउंड टूरिज्म ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया द्वारा मॉस्को सरकार के सहयोग से किया जा रहा है, जो दोनों देशों के आर्थिक संबंधों के सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है।”

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