वाराणसी, 19 अक्टूबर 2024, शनिवार। उत्तर प्रदेश में माफिया, दबंगों पर चल रहे सीएम योगी आदित्यनाथ के एक्शन में और तेजी आ गई है। सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों की अब खैर नहीं, क्योंकि अब प्रशासन की ओर से सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करने के लिए कवायद की जाने लगी है। इसी के तहत वाराणसी नगर निगम ने तीन स्थानों पर कुल 66 बीघे सरकारी जमीन को कब्जामुक्त कराया। इस पर निगम का बोर्ड लगाया। इसकी अनुमानित मूल्य 72 करोड़ रुपये आंकी गई है।
वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी ने बताया कि गंगा के पार डोमरी में करोड़ों की जमीन सरकारी अभिलेखों में रेता के नाम से दर्ज था। इस पर कुछ लोगों की ओर से भूमि खनन का कार्य किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों नगर आयुक्त के साथ डोमरी सहित अन्य स्थलीय निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा का मामले सामने आया, तभी नगर आयुक्त को निर्देश दिया था कि तत्काल इस इस भूमि की पैमाइश कराकर बैरिकेडिंग कराई जाए।
अपर नगर आयुक्त सविता यादव के नेतृत्व में टीम ने 26 बीघा भूमि जो बाजार दर के अनुसार अनुमानित लागत 60 करोड़ की है। इस पर बैरिकेडिंग कराकर कब्जे में ले लिया। इस पर वाराणसी नगर निगम का बोर्ड लगाया गया। इसके अलावा नगर निगम ने ग्राम पिसौर में 10 बिस्वा भूमि की बैरिकेडिंग कराई। इसका मूल्य लगभग 3 करोड़ की है। सुसुवाही में 30 बिस्वा सरकारी भूमि जो अवैध कब्जे में थी। इसे मुक्त कराकर बैरिकेडिंग कराई। इसका बाजार दर के अनुसार अनुमानित मूल्य 9 करोड़ है। राजस्व विभाग की टीम की ओर से नव विस्तारित क्षेत्रों में सरकारी भूमि पर किए गए कब्जे को मुक्त कराने का अभियान चलाया जा रहा है।