नई दिल्ली, 5 मई 2025, सोमवार। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। भारत ने इस हमले का जवाब देते हुए सिंधु जल समझौते पर रोक लगाकर सख्त रुख अपनाया, जिसे पूरे देश ने एक स्वर में समर्थन दिया। लेकिन इस बीच, जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी का एक बयान ने विवादों की आग भड़का दी। उनके बयान के खिलाफ मुस्लिम संगठनों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और उन पर हिंदुस्तान विरोधी होने का गंभीर आरोप लगाया।
मौलाना मदनी ने क्या कहा?
मौलाना मदनी ने सरकार के पानी रोकने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा, “अगर कोई देश पानी रोकता है, तो रोक ले। ये नदियां हजारों साल से बह रही हैं, आप उनका पानी कहां ले जाएंगे? यह इतना आसान नहीं। नियम प्रेम का होना चाहिए, नफरत का नहीं। मैं मुसलमान हूं, मैं इस देश में अपनी जिंदगी जी रहा हूं और मैं जानता हूं कि यहां जिन चीजों को बढ़ावा दिया जा रहा है, वे देश के लिए ठीक नहीं।” उन्होंने यह भी कहा कि देश का माहौल ऐसा बन रहा है, जहां एक दिन हिंदू और मुस्लिमों के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाएगा।
मुस्लिम संगठनों का गुस्सा, सड़कों पर प्रदर्शन
मदनी के इस बयान ने देशभर में हंगामा मचा दिया। मुंबई के साकीनाका इलाके में मुस्लिम संगठनों ने सड़कों पर उतरकर उनके खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि मदनी भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विचारधारा का विरोध करें, लेकिन हिंदुस्तान का विरोध करना उन्हें शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा, “आतंकियों का मकसद हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत और गृहयुद्ध भड़काना था। मदनी को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए, जो देश के खिलाफ जाएं।”
मदरसों के मौलानाओं का समर्थन: “हम पीएम मोदी के साथ”
मदरसों के मौलानाओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी। उन्होंने साफ कहा, “हम हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री के साथ खड़े हैं। पाकिस्तान के आतंकियों ने जो कायराना हमला किया, उसके बाद पाकिस्तान का हुक्का-पानी बंद होना ही चाहिए। मदनी का बयान उनकी निजी राय हो सकती है, लेकिन हिंदुस्तान के मुसलमान देशहित में पीएम मोदी के हर फैसले के साथ हैं।” मौलानाओं ने जोर देकर कहा कि आतंक का न तो इस्लाम में कोई स्थान है और न ही किसी अन्य धर्म में।
संजय निरुपम का तीखा हमला
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने भी मौलाना मदनी पर निशाना साधते हुए कहा, “भारत-पाकिस्तान में युद्ध न हो, यह पाकिस्तान के लोग, भारत में रहने वाले जिहादी-दंगाई प्रवृत्ति के मुस्लिम या विपक्षी नेता चाहते हैं। मदनी की भावनाएं हिंदुस्तान से कम और पाकिस्तान से ज्यादा जुड़ी हैं। उन्हें पता है कि अगर युद्ध हुआ, तो भारत पाकिस्तान को तबाह कर देगा। इसलिए उन्होंने ऐसा बयान दिया।”