नई दिल्ली, 25 मई 2025, रविवार। नई दिल्ली में रविवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की एक अहम बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं को स्पष्ट और सख्त संदेश दिया। उन्होंने नेताओं से अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने और अनावश्यक या विवादास्पद बयानों से दूर रहने की हिदायत दी। यह संदेश हाल ही में कुछ BJP नेताओं के विवादित बयानों के बाद आया, जिन्होंने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दिया।
वाणी का संयम, पार्टी की ताकत
बैठक में अपने समापन भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में शब्दों का चयन और उनका सही इस्तेमाल बेहद जरूरी है। उन्होंने नेताओं को चेताया कि हर मुद्दे पर टिप्पणी करना जरूरी नहीं, क्योंकि इससे पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता है। यह हिदायत BJP नेताओं विजय शाह और रामचंद्र जांगड़ा के हालिया बयानों के बाद आई, जिन पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
एनडीए की एकजुटता का प्रदर्शन
बैठक में NDA के करीब 20 मुख्यमंत्री और 18 उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री भी मौजूद थे। यह बैठक आगामी चुनावों के मद्देनजर NDA की एकजुटता और रणनीति को मजबूत करने का एक मंच साबित हुई।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की कूटनीतिक जीत
बैठक में दो अहम प्रस्ताव पारित किए गए। पहला, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर, जिसे पीएम मोदी ने भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति NDA सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि हालिया सीजफायर अंतरराष्ट्रीय दबाव का नतीजा नहीं, बल्कि पाकिस्तान की पहल और भारत की कूटनीतिक सफलता का परिणाम है। मोदी ने कार्यकर्ताओं से इस तथ्य को जनता तक पहुंचाने का आह्वान किया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ करते हुए कहा कि यह केवल एक नारा नहीं, बल्कि NDA सरकार की नीति का जीता-जागता सबूत है। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने भारतीयों में आत्मविश्वास और गर्व की भावना को फिर से जगाया है।
जातिगत जनगणना: कल्याणकारी योजनाओं का आधार
दूसरा प्रस्ताव जातिगत जनगणना को लेकर था। पीएम मोदी ने साफ किया कि इसका मकसद जातिगत राजनीति करना नहीं, बल्कि कल्याणकारी योजनाओं को और प्रभावी बनाना है। उन्होंने कहा, “आंकड़ों के आधार पर योजनाएं बेहतर ढंग से लागू हो सकती हैं, और इसमें कोई बुराई नहीं है।”
आगामी चुनावों की रणनीति
यह बैठक आगामी चुनावों के लिए NDA की रणनीति को और मजबूत करने का एक मौका थी। पीएम मोदी के संदेश ने नेताओं को अनुशासन और एकजुटता के साथ जनता के बीच जाने की प्रेरणा दी। अनावश्यक बयानबाजी से बचने और नीतियों के दम पर जनता का विश्वास जीतने पर जोर देते हुए, मोदी ने एक बार फिर BJP और NDA के विजन को रेखांकित किया।
यह बैठक न केवल NDA की एकता का प्रदर्शन थी, बल्कि यह भी संदेश दे गई कि अनुशासित और रणनीतिक संवाद ही पार्टी को और मजबूत बनाएगा।