वाराणसी, 16 नवंबर 2024, शनिवार। वाराणसी के चौकाघाट जिला कारागार में शनिवार को एक कैदी की मौत हो गई। मृतक कैदी दहेज हत्या के मामले में जेल में बंद था। उसकी मौत के बाद परिजनों ने दरोगा को थप्पड़ मार दिया और पुलिसकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। मामला यह है कि कैदी की तबीयत खराब होने पर उसे जेल के अस्पताल में एडमिट कराया गया था, लेकिन उसकी हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस अफसरों ने जांच शुरू कर दी है और मृतक कैदी के परिजनों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
खबरों के मुताबिक, वाराणसी के चौकाघाट जिला कारागार में शनिवार को मुकुल जायसवाल की अचानक तबीयत बिगड़ गई। उसे जेल के अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहां से हार्ट अटैक की संभावना होने की वजह से जिला अस्पताल लाया गया। लेकिन यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मुकुल के घर वालों ने पुलिस पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा, शव को पोस्टमॉर्टम हाउस तक ले जाने वाले वाहन को मंगाने में 1.30 घंटे लग गए। इससे नाराज मुकुल के परिजनों ने पुलिस के साथ बहस की और आरोप लगाया कि पुलिस ने शव को मॉर्च्यूरी में लॉक कर दिया और चले गए। इस मामले में चौकी इंचार्ज पांडेयपुर आशुतोष पांडेय ने मुकुल के एक परिजन को थप्पड़ मार दिया, जिससे नाराज मुकुल के भाई अतुल जायसवाल ने आशुतोष की पिटाई शुरू कर दी। फिलहाल, मौके पर थाना पांडेयपुर, लालपुर और कैंट पुलिस मौजूद है।
वाराणसी के जंसा इलाके के बेसहुपुर, गोसाईपुर निवासी मुकुल जायसवाल की जिंदगी की कहानी बहुत ही दर्दनाक है। उसकी शादी 12 दिसंबर, 2019 को मडुआडीह के तुलसीपुर में रहने वाली वंदना जायसवाल से हुई थी, लेकिन यह शादी बहुत ही कम समय तक चली। वंदना ने महज 6 महीने बाद ही 26 जून, 2020 को अपने ससुराल में फांसी लगा ली। वंदना के मायके वालों ने मुकुल और उसके परिवार पर दहेज के लिए प्रताड़ना का आरोप लगाया, जिसके बाद पुलिस ने मुकुल, उसके पिता श्यामसुंदर जायसवाल, मां शिवकुमारी और छोटे भाई अतुल को जेल भेज दिया। दो साल बाद मुकुल के परिवार के सदस्यों को जमानत मिल गई, लेकिन मुकुल की जमानत नहीं हुई और वह जेल में ही बंद था।