प्रयागराज, 30 जून 2025: प्रयागराज में रविवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया। चंद्रशेखर कौशांबी और करछना में हाल की घटनाओं के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद वे सर्किट हाउस में समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए।
नजरबंदी के विरोध में चंद्रशेखर के करीब 5,000 समर्थकों ने करछना में सड़कों पर उतरकर जमकर हंगामा किया। गुस्साई भीड़ ने पुलिस की 8 गाड़ियों और 7 निजी वाहनों को निशाना बनाया, बसों पर पथराव किया और भडेवरा बाजार में ईंट-पत्थर बरसाए। इस हिंसक प्रदर्शन में कई दुकानों के शीशे टूट गए। दुकानदारों ने आरोप लगाया कि सवर्ण समुदाय की दुकानों को चुन-चुनकर नुकसान पहुंचाया गया।
हंगामे के दौरान मची भगदड़ में 15 लोग घायल हो गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन समर्थक टस से मस नहीं हुए। हालात बेकाबू होते देख नैनी, करछना, घूरपुर, कौंधियारा, कीडगंज, बारा और मुट्ठीगंज थानों की पुलिस के साथ-साथ पीएसी और आरएएफ को भी तैनात करना पड़ा। करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने स्थिति पर काबू पाया और भीम आर्मी के 20 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
चंद्रशेखर को वाराणसी भेजा गया, धमकी का मामला भी गरमाया
रात 8 बजे भारी पुलिस बल की मौजूदगी में चंद्रशेखर को प्रयागराज से वाराणसी भेज दिया गया। वे 30 जून यानी आज सुबह 9 बजे की फ्लाइट से दिल्ली रवाना होंगे। इस बीच, आजाद समाज पार्टी के हेल्पलाइन नंबर पर वॉट्सऐप के जरिए चंद्रशेखर को 10 दिन में जान से मारने की धमकी मिली। धमकी देने वाले नंबर की पहचान कर पार्टी ने तत्काल गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना न केवल प्रयागराज में तनाव का कारण बनी, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी व्यापक चर्चा का विषय बन गई है। पुलिस और प्रशासन पर अब हालात को पूरी तरह नियंत्रित करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दबाव बढ़ रहा है।