वाराणसी, 30 अप्रैल 2025, बुधवार। वाराणसी के पवित्र दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान एक घटना ने सबको चौंका दिया। एक मुस्लिम युवक की पिटाई का मामला, जो पहले बैड टच का आरोप लग रहा था, अब साजिश और संदिग्ध गतिविधियों की ओर इशारा कर रहा है। इस घटना ने न केवल धार्मिक तनाव को हवा दी, बल्कि ATS की एंट्री के साथ एक गंभीर जांच का रूप ले लिया।
क्या हुआ था उस शाम?
सोमवार की शाम, जब दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती की धूम थी, एक मुस्लिम युवक पर भीड़ ने हमला बोल दिया। आरोप था कि युवक ने एक युवती के साथ बैड टच किया। गुस्साए श्रद्धालुओं ने उसे जमकर पीटा। युवक ने दावा किया कि उसका नाम पूछकर और मुस्लिम होने की वजह से उसके साथ मारपीट की गई। उसने कहा, “मैं तो सिर्फ गंगा आरती देखने आया था।” लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई।
पुलिस ने जब CCTV फुटेज खंगाले, तो मामला और उलझ गया। शुरुआती जांच में बैड टच की बात सामने आई, लेकिन अब कई युवतियों के साथ छेड़खानी का शक गहरा रहा है। पुलिस ने युवक की मौजूदगी को संदिग्ध मानते हुए केस को ATS के हवाले कर दिया। अब सवाल यह है कि क्या यह महज एक छेड़खानी का मामला है, या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश छिपी है?
ATS की नजर में तीन बड़े सवाल
ATS ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जांच शुरू की। घाट पर CCTV फुटेज अपने कब्जे में लेने के बाद अब युवक से अस्पताल में पूछताछ की तैयारी है। तीन बड़े सवाल हैं, जिनका जवाब ATS तलाश रही है:
12 किमी दूर से घाट क्यों आया?
युवक का घर चौरहट पड़ाव में है, जो दशाश्वमेध घाट से 12 किमी दूर है। इतनी दूर वह गंगा आरती देखने या घूमने क्यों आया? ATS इसकी तह तक जाना चाहती है।
क्या थी उसकी मंशा?
पहले एक युवती के साथ बैड टच की बात थी, लेकिन अब कई युवतियों से छेड़खानी का शक है। पुलिस को युवक का व्यवहार संदिग्ध लग रहा है। क्या वह सिर्फ टहल रहा था, या कुछ और इरादे थे?
आरती के समय की टाइमिंग क्यों?
युवक ठीक उसी वक्त घाट पर क्यों पहुंचा, जब गंगा आरती खत्म हो रही थी? क्या वह नियमित रूप से वहां आता था? और सबसे बड़ा सवाल—वह अपने मोबाइल से किसका वीडियो बना रहा था?
चौरहट का आतंकी कनेक्शन: ATS की सतर्कता
इस मामले में ATS की एंट्री इसलिए भी अहम है, क्योंकि युवक का ताल्लुक चौरहट इलाके से है। चौरहट का नाम पहले भी आतंकी गतिविधियों से जुड़ा रहा है। जनवरी 2020 में ATS ने चौरहट से राशिद अहमद को गिरफ्तार किया था, जो ISI के लिए जासूसी कर रहा था। राशिद ने CRPF ठिकानों और सैन्य स्थलों की तस्वीरें पाकिस्तान भेजी थीं। NIA कोर्ट ने उसे दोषी भी ठहराया था। ऐसे में ATS इस बात की पड़ताल कर रही है कि क्या इस घटना में कोई बड़ा कनेक्शन छिपा है।
पिटाई के आरोपी फरार, गंगा सेवा निधि पर सवाल
पुलिस ने पिटाई के आरोप में शिवम गुप्ता, सुशांत मिश्रा, हनुमान यादव और 6-7 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। ये सभी गंगा सेवा निधि से जुड़े हैं, जो दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती का आयोजन करती है। सभी आरोपी फरार हैं, और पुलिस उनके घरों पर दबिश दे रही है। वाराणसी के मुफ्ती मौलाना बातिन ने इस घटना को धार्मिक नफरत फैलाने की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, “युवक को इतनी बेरहमी से पीटा गया कि उसके कपड़े फट गए, शरीर लहूलुहान हो गया। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।”
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने दशाश्वमेध थाना प्रभारी योगेंद्र प्रसाद को लापरवाही के लिए लाइन हाजिर कर दिया। इससे साफ है कि पुलिस इस मामले को लेकर कितनी सख्ती बरत रही है।
युवक का दावा: “मैं तो घूमने गया था”
अस्पताल में भर्ती नाबालिग युवक ने अपनी कहानी कुछ यूं बयां की: “मैं घूमने गया था। गंगा आरती के बाद सीढ़ियों पर बैठा था। तभी 8-10 लोग आए, मेरा नाम पूछा और पीटना शुरू कर दिया। मुझे गंगा सेवा निधि के ऑफिस में बंद करके मारा। बाद में सीढ़ियों पर फेंक दिया।” उसने बताया कि किसी तरह वह घर पहुंचा और परिजनों को घटना बताई।
युवक के पिता का कहना है, “मेरा बेटा दालमंडी में सूट की दुकान पर काम करता है। वह माल देने घाट गया था। शायद किसी से हाथ टच हो गया, जिसके बाद उसे पीटा गया।” मां ने बताया कि बेटे ने फोन पर कहा, “मुझे बहुत चोट लगी है।” जब तक वे पहुंचे, वह गली में गिरा पड़ा था।
घाटों पर “प्रतिबंध” का पुराना विवाद
यह कोई पहली बार नहीं है जब दशाश्वमेध घाट पर धार्मिक तनाव की बात सामने आई हो। जनवरी 2022 में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने घाटों पर पोस्टर लगाए थे, जिनमें गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की बात कही गई थी। इन पोस्टरों में गंगा को “पिकनिक स्पॉट” न मानने की चेतावनी दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन यह घटना उस पुराने विवाद की याद दिलाती है।
DCP का बयान: “युवक की भूमिका संदिग्ध”
DCP काशी जोन गौरव बंशवाल ने कहा, “पहले यह बैड टच का मामला लग रहा था, लेकिन CCTV फुटेज और पूछताछ के बाद युवक की भूमिका संदिग्ध लगी। उसका घर घाट से इतनी दूर है, फिर वह आरती के समय वहां क्यों था? ATS अब इसकी गहराई से जांच कर रही है।”
सच्चाई की तलाश
यह घटना कई सवाल खड़े करती है। क्या यह सिर्फ एक गलतफहमी थी, या इसके पीछे कोई सुनियोजित साजिश है? युवक की मंशा क्या थी, और भीड़ ने इतनी हिंसा क्यों की? ATS की जांच से जल्द ही सच सामने आएगा। लेकिन एक बात साफ है—ऐसी घटनाएं धार्मिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाती हैं। जरूरत है कि हम संयम बरतें और सच का इंतजार करें।