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Sunday, March 30, 2025

आगरा में सांसद रामजी लाल सुमन के खिलाफ बवाल: करणी सेना के प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने दी जमानत

लखनऊ, 27 मार्च 2025, गुरुवार। आगरा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के आवास पर गुरुवार को उस समय हंगामा मच गया, जब करणी सेना के बैनर तले सैकड़ों प्रदर्शनकारी उनके घर के बाहर जमा हो गए। यह विवाद तब शुरू हुआ, जब सुमन ने संसद में मेवाड़ के प्रसिद्ध राजा राणा संग्राम सिंह, जिन्हें राणा सांगा के नाम से जाना जाता है, पर विवादित टिप्पणी की। सुमन ने राणा सांगा को “गद्दार” कहकर संबोधित किया था, जिसके बाद जनता में भारी आक्रोश फैल गया। इसी गुस्से को लेकर करणी सेना ने सांसद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

प्रदर्शन ने लिया हिंसक रूप

सुमन के आवास के बाहर शुरू हुआ यह प्रदर्शन जल्द ही हिंसक हो गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हुई, जिसमें हालात बेकाबू हो गए। इस संघर्ष में दर्जन भर पुलिसकर्मियों और 12 से अधिक प्रदर्शनकारियों को चोटें आईं। सांसद के करीबी सूत्रों का दावा है कि उनके आठ समर्थक भी इस हंगामे में घायल हुए। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए गए।

29 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार, देर रात मिली जमानत

पुलिस ने मौके से करीब 29 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और उन्हें हरीपर्वत थाने ले जाया गया। बाद में इनमें से 12 को एत्मादुद्दौला थाने और 17 को ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस चौकी में शिफ्ट कर दिया गया। देर रात तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद सभी गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को थाने से ही जमानत पर रिहा कर दिया गया। एत्मादुद्दौला थाने से रिहाई की प्रक्रिया सबसे पहले पूरी हुई, जबकि ट्रांसपोर्ट नगर चौकी पर बैठे लोगों को रात 11 बजे के बाद छोड़ा गया।

सोशल मीडिया पर फिर गरमाया मामला

हालांकि प्रदर्शनकारी रिहा हो चुके हैं, लेकिन मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें युवा सांसद सुमन के खिलाफ दोबारा अभद्र टिप्पणियां करते नजर आ रहे हैं। इन वीडियो ने विवाद को और हवा दे दी है, जिससे आने वाले दिनों में तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

सांसद की टिप्पणी से क्यों भड़का गुस्सा?

राणा सांगा, जिनका नाम इतिहास में वीरता और सम्मान के साथ लिया जाता है, को “गद्दार” कहना कई लोगों के लिए अस्वीकार्य था। करणी सेना और उनके समर्थकों का कहना है कि यह टिप्पणी न केवल ऐतिहासिक तथ्यों का अपमान है, बल्कि उनकी भावनाओं पर भी गहरा आघात है। दूसरी ओर, सुमन के समर्थकों का कहना है कि उनकी बात को गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है।

आगे क्या?

पुलिस ने फिलहाल स्थिति पर काबू पा लिया है, लेकिन सांसद के खिलाफ जनता का गुस्सा अभी शांत होता नहीं दिख रहा। यह घटना न सिर्फ आगरा, बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। आने वाले दिनों में इस मामले में और क्या मोड़ आता है, यह देखना बाकी है। तब तक, सोशल मीडिया पर बहस और वायरल वीडियो इस विवाद को जिंदा रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।

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