राजस्थान के कोटा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की एक अदालत ने रिश्वत लेने के आरोप में आरपीएफ कांस्टेबल रमेश चंद सोलंकी को पांच साल की कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने मंगलवार को रेलवे सुरक्षा बल के एक हेड कांस्टेबल को एक दशक पहले 2,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में फैसला सुनाया।
इस मामले पर जानकारी देते हुए सहायक निदेशक अभियोजन (एडीपी) अशोक जोशी ने कहा कि एसीबी अदालत ने नवंबर 2011 में उनके द्वारा ली गई रिश्वत के लिए 80,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। जब उन्होंने रिश्वत ली थी तब रमेश चंद सोलंकी बारां जिले के कवाई रेलवे स्टेशन पर तैनात थे।
एडीपी अशोक जोशी ने बताया कि सोलंकी को कवाई में रेलवे ट्रैक के पास एक व्यक्ति को चाय की दुकान चलाने की अनुमति देने के लिए प्रति माह 2,000 रुपये की मांग करने का दोषी ठहराया गया था। चाय विक्रेता रामभरोसे ने 24 अक्टूबर, 2011 को उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी तब उस समय रिश्वत के मामले में केस दर्ज किया गया था।
फिर मामले पर कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सोलंकी के खिलाफ मामला दर्ज कर जाल बिछाकर उसी साल दो नवंबर को रिश्वत लेते हुए उसे पकड़ लिया। एसीबी कोर्ट के न्यायाधीश प्रमोद कुमार मलिक ने सजा की घोषणा करते हुए कहा कि आरपीएफ कांस्टेबल ने एक अनपढ़ और गरीब व्यक्ति से रिश्वत लेते हुए रेलवे की छवि खराब की है।