उदयपुर में राजस्थान के पूर्व राजपरिवार के बीच तीन दिन से चल रहे विवाद का अंत बुधवार, 27 नवंबर को हुआ। इस विवाद के खत्म होने के बाद, पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ ने 40 साल बाद सिटी पैलेस में स्थित धूणी के दर्शन किए। इस अवसर पर उनके साथ सलूंबर के देवव्रत सिंह राव, रणधीर सिंह भींडर, और बड़ी सादड़ी के राज राणा सहित कुल पांच लोग भी मौजूद थे।
पिछले तीन दिनों से विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया था, जिसमें पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मध्यस्थता से सुलह हुई। मंगलवार और बुधवार को हुई वार्ता के बाद ट्रस्ट से अनुमति लेकर दर्शन करने पर दोनों पक्ष सहमत हो गए।इस विवाद की शुरुआत सोमवार, 25 नवंबर को हुई जब पूर्व महाराजा महेंद्र सिंह के निधन के बाद उनके पुत्र विश्वराज सिंह मेवाड़ को उत्तराधिकारी घोषित किया गया। इसके बाद, जब विश्वराज सिंह अपने समर्थकों के साथ सिटी पैलेस पहुंचे, तो उनके चाचा अरविंद सिंह और उनके बेटे लक्ष्यराज सिंह ने प्रवेश देने से मना कर दिया।
इस पर दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें पुलिस को शांति बनाए रखने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इस घटना से मेवाड़ राजपरिवार की देशभर में किरकिरी हुई। विवाद की जड़ संपत्ति के मालिकाना हक को लेकर है, जो न्यायालय में विचाराधीन है। पिछले तीन दिनों से धूणी दर्शन को लेकर बनी तनातनी को सुलझाने के लिए पुलिस और प्रशासन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।